Indore News: पाकिस्तानी डिग्री से इंदौर में महिला डॉक्टर कर रही थी फर्जी काम, 7 गिरफ्तार
Indore News: इन्दौर में महिला डॉक्टर पाकिस्तान की यूनिवर्सिटी से डॉक्टर की डिग्री लेकर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बना रही थी. पुलिस ने महिला डॉक्टर को आरोपी बनाया है.
राजू प्रसाद/इंदौर: आरटीओ में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है.इसी कड़ी में इंदौर की तेजाजी नगर पुलिस को पिछले दिनों कुछ शिकायतें मिली थीं. उसी के आधार पर तेजाजी नगर पुलिस ने आईटीओ के आसपास संचालित होने वाले एजेंटों की गुमटी पर दबिश देकर जांच पड़ताल की तो बड़ी संख्या में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बरामद हुए.इस पूरे मामले में पुलिस ने 7 एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है. मामले में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच के बाद पुलिस ने सर्टिफिकेट बनाने वाली महिला डॉक्टर को आरोपी बनाया है.
मेडिकल सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी मिली
दरअसल पिछले दिनों इंदौर की तेजाजी नगर पुलिस ने आरटीओ के आसपास संचालित होने वाली विभिन्न ऑफिसों जो कि एजेंटों द्वारा संचालित किए जाते हैं और एजेंटों की जब ऑफिस पर दबिश दी तो वहां पर बड़ी मात्रा में लाइसेंस नवीनीकरण के लिए लगने वाले मेडिकल सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी मिली. पुलिस ने जब एक एजेंट के ऑफिस पर दबिश दी तो उसके यहां पर संबंधित डॉक्टर के मेडिकल सर्टिफिकेट मिले. जिसके बाद अन्य एजेंटों के ऑफिस पर छापा मारा तो उसी नाम और डॉक्टर की सील लगे हुए अन्य मेडिकल सर्टिफिकेट मिले.
इसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले में 7 एजेंटों को हिरासत में लिया और उनसे काफी बारीकी से पूछताछ की. मेडिकल सर्टिफिकेट किसके द्वारा बनाये जा रहे थे. उसकी जांच की तो उसमें एक महिला डॉक्टर रेखा का नाम सामने आया था. जब पुलिस ने डॉक्टर रेखा से पूछताछ की और उसकी डिग्री की जांच की तो पता चला की डॉक्टर रेखा की डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ कराची पकिस्तान की है और उनको मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एक्ट के तहत भारत में प्रेक्टिस करने की परमिशन नहीं है.उसके बावजूद उन्होंने बहुत सारे फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट पर साइन कर बनाए.
पुलिस ने डॉ रेखा के सभी सर्टिफिकेट जब्त कर आरोपी बनाया है क्योंकि यहां परीक्षा पास नहीं की थी और परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना प्रमाण पत्र बनाए थे. वहीं पुलिस ने आरटीओ को भी एक नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है. इन फर्जी सर्टिफिकेट से कितने लाइसेंस जारी किए हैं और कितने लाइसेंस बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के जारी किए इसकी जानकारी मिलते ही उन सभी लाइसेंसों को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.