Jean Luc Godard Dies: फ्रांसीसी सिनेमा के गॉडफादर माने जाने वाले फिल्‍म निर्माता-निर्देशक जीन-लुक गोडार्ड (Jean-Luc Godard) का 91 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया. 3 दिसंबर 1930 को जन्मे  गोडार्ड फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और फिल्म समीक्षक रहे. उन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद युग का सबसे प्रभावशाली फ्रांसीसी फिल्म निर्माता माना जाता है. उनकी फिल्मों ने 1960 के दशक में फ्रांस फिल्म निर्माण के इतिहास में नई क्रांति ला दी थी. आपको बता दें उन्हें  ब्रीदलेस 1960 (breathless) और कंटेम्‍प्‍ट 1963 (Contempt)  जैसी क्‍लासिक फिल्‍मों के लिए जाना जाता है. उनकी आखरी फिल्म 2018 में रिलीज हुई जो The Image Book थीं.


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फ्रांस के राष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने ट्वीट कर लिख-  वह फ्रांसीसी सिनेमा में एक नायक की तरह थे. फिर वे इसके उस्ताद बन गए. गोडार्ड ने पूरी तरह आधुनिक मुक्त कला का अविष्कार किया. हमने राष्ट्रीय खजाना खो दिया है, एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास एक प्रतिभा की दृष्टि थी.



न्यूयॉर्क फिल्म फेस्टिवल श्रद्धांजलि देते हुए कहा
न्यूयॉर्क फिल्म फेस्टिवल ने गोडार्ड को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट लिखा कि जीन-लुक गोडार्ड और एग्नेस वर्दा केवल दो निर्देशक हैं जिनके पास हमारे पहले छह दशकों के लिए न्यूयॉर्क फिल्म महोत्सव के प्रत्येक दशक में फिल्में हैं.



29 साल की उम्र में मिला पहला खिताब
1960 में आई उनकी बहुचर्चित फिल्म ब्रेथलेस के लिए गोडार्ड को बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट डायरेक्टर के पुरस्कार से नवाजा गया. इस वक्त उनकी उम्र महज 29 साल की थी. इसके बाद उन्होंने दूसरी फिल्म (The Little soldier) का निर्माण किया. इस फिल्म में उन्होंने सरकार की अलोचना की. इस फिल्म में लोगों पर हुई यातना को बताया गया था. नतीजा ये रहा कि इसे तीन साल फ्रेंच सरकार ने रिलीज नहीं होने दी. लेकिन गोडार्ड रुके नहीं वो फिल्म बनाते गए. उन्हें एक तरह से बागी फिल्म निर्देशक के तौर पर जाना जाने लगा.


यहां देखिए उनकी कुछ तस्वीरें



लेखक मालरो के सिनेमा से प्रभावित
आपको जानकरा हैरानी होगी कि गोडार्ड सिनेमा प्रेमी नहीं थे लेकिन लेखक मालरो के सिनेमा पर लिखे गए निबंध से वो काफी प्रभावित हुए और उनकी सिनेमा में दिलचस्पी बढ़ी. फिर जो हुआ, उसका नतीजा आपके सामने है. 


ऑस्कर लेने भी नहीं गए
फिल्म से जुड़ा अभिनेता हो या फिल्म डायरेक्टर उनका ख्वाब होता है कि उन्हें ऑस्कर का कोई खिताब मिले. लेकिन गोडार्ड उनमें से थे, जो उस अवार्ड को कुछ मानते ही नहीं थे. दरअसल 2010 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट का ऑस्कर दिया. लेकिन वो ये सम्मान लेने नहीं गए. जब उनसे इस बारें में पूछा गया कि आपके लिए ऑस्कर क्या मायने रखता है तो उन्होंने कहा कुछ नहीं.