2019 में गांधी सागर डैम के फूटने का भी पैदा हो गया था डर, 3 लाख लोगों पर पड़ता असर
एमपी के धार जिले में कारम डैम के फूटने का खतरा इस लोगों के सिर पर मंडरा रहा है. ऐसे में हम बता रहे हैं उस घटना के बारे में जब मंदसौर जिले में गांधी सागर डैम में जब अधिक पानी पहुंचा तो उसके फूटने का डर पैदा हो गया था. पानी डैम के ऊपर से छलकने लगा था. अगर डैम फूट जाता तो उससे मध्य प्रदेश और राजस्थान के करीब 3 लाख लोगों के ऊपर खतरा पैदा हो जाता.
मनीष पुरोहित/मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला मुख्यालय से 168 किलोमीटर दूर स्थित चंबल नदी पर बने सबसे बड़े मानव निर्मित झील वाले बांध गांधी सागर पर भी सितंबर 2019 में खतरा मंडराने लगा था जब इस बांध की क्षमता से अत्यधिक पानी बांध में पहुंच गया था. जल स्तर इतना बढ़ चुका था कि बांध के ऊपर से पानी छलकने लगा था. हालांकि तब ईश्वर की कृपा से कोई हादसा नहीं हुआ था.
3 लाख लोगों पर पड़ता असर
इस बांध के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में राजस्थान और मध्य प्रदेश के 3 लाख लोगों के प्रभावित होने की आशंका थी. गांधीसागर बांध जिला मुख्यालय से 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. डैम का निर्माण चंबल नदी पर किया गया है.
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी नींव
जिले में गांधी सागर बांध /पावर स्टेशन के निर्माण का आधारशिला प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 7 मार्च, 1954 को रखी गई थी. बिजली स्टेशन में 1957 में काम शुरू किया गया था, जबकि बिजली उत्पादन और इसका वितरण नवंबर, 1960 में शुरू हुआ. गांधी सागर बांध और पावर स्टेशन के निर्माण पर कुल खर्च लगभग 18 करोड़ 40 लाख रुपये हुआ था.
बांध का अधिकतम वाटर लेवल है 1312 फीट
गांधी सागर डैम 62.17 मीटर यानी 204 फीट ऊंचा है इसकी लंबाई 514 मीटर यानी 1686 फीट है. इसका जलग्रहण क्षेत्रफल 22584 वर्ग किलोमीटर है. पानी की क्षमता 7,322,000,000m3 है. बांध का अधिकतम वाटर लेवल 1312 फीट है. गांधी सागर पावर स्टेशन 65 मीटर लंबा और 56 फीट चौड़ा है. पावर स्टेशन में 23 मेगा वाट क्षमता की पांच टरबाइन है. इस प्रकार कुल स्थापित क्षमता 115 मेगा वाट है.
2019 की बाढ़ के बाद पहुंची थी क्षति
हालांकि 2019 की बाढ़ के बाद बांध को क्षति पहुंची थी. बांध की टरबाइन और गेट भी छतिग्रस्त हुए थे फिलहाल अब तक बांध की मरम्मत और मेंटेनेंस का कार्य चल रहा है. इसकी सुरक्षा पर खतरे को लेकर एक रिपोर्ट भी कमेटी द्वारा बनाई गई थी. CAG की रिपोर्ट में यह साफ उल्लेख किया गया था कि जल्द से जल्द इस बांध की पूरी मरम्मत की आवश्यकता है. यदि बांध की मरम्मत समय पर नहीं होती है तो बांध पर खतरा हो सकता है.
बता दें कि गुरुवार को धार जिले में कारम नदी पर बन डैम में लीकेज हो गया है जिससे धार और खरगौन जिले के 15 से ज्यादा गांवों को खाली कराया गया है. यदि डैम के लीकेज को समय रहते ठीक नहीं किया तो भारी तबाही मच सकती है. डैम फूटने के डर से मुंबई-आगरा नेशनल हाइवे को भी बंद कर दिया गया है.
Photos: तबाही से बचाने कारम डैम के लीकेज को किया जा रहा ठीक, युद्ध स्तर पर चल रहा काम