Kalank Chaturthi 2022:  भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इसलिए इसे गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. यह त्यौहार बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. वहीं इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ होता है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन जाने-अनजाने में भी चंद्रमा को देख लेते हैं. वे झूठे आरोप में फंस जाते हैं. इसलिए इसे हम कलंक चतुर्थी के नाम से जानते हैं. इस बार यह त्यौहार 31 अगस्त को है. ऐसे में आइए जानते हैं इस दिन क्यों नहीं करना चाहिए चंद्रमा का दर्शन और यदि दिख जाए तो इसके प्राश्चित के लिए क्या करना चाहिए?


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जानिए क्यों नहीं देखा जाता है चांद
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया के दिन भगवान गणेश किसी निमंत्रण से भोजन करके लौट रहे थे. उसी वक्त रास्ते में चंद्र मिले और उनके पेट और गजमुख स्वरूप को देखकर हंसने लगे. इससे गणेश जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने क्रोधित होकर चंद्रमा को श्राप दे दिया कि तुम्हें अपने रूप पर इतना अहंकार हो गया है. जाओ मैं श्राप देता हूं तुम्हारे स्वरूप का क्षय होगा और आज के दिन जो भी तुम्हारे स्वरूप को देखेगा उस पर झूठा और गंभीर कलंक लगेगा. माना जाता है कि भगवान गणेश के श्राप की वजह से ही चंद्रमा में आज भी काला धब्बा दिखाई देता है. साथ ही जो लोग इस दिन चंद्रमा का दर्शन करते हैं वे झूठे आरोपों में फंसते हैं. 



भगवान कृष्ण पर लगा था चोरी का आरोप
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान कृष्ण ने चंद्रमा का दर्शन किया था, जिसके बाद उन पर मणि के चोरी का झूठा आरोप लगा था, जिसके प्राश्चित के लिए नारद ऋषि ने भगवान कृष्ण को गणेश चतुर्थी का व्रत रखने को कहा था.
 
अगर चांद दिख जाए तो करें ये उपाय
यदि आप गणेश चतुर्थी के दिन जाने अनजाने में चंद्रमा देख लेते हैं तो श्राप से मुक्ति के लिए स्नान करके 'सिंहः प्रसेनमवधित्सिम्हो जाम्बवत हतः सुकुमारक मा रोदीः तव ह्योष स्यमन्तकः' का जाप करें. ऐसा करने से आप झूठे आरोपों में फंसने से बच जाएंगे.


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(DISCLAIMER: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. ZEE MEDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)