Ganesh Chaturthi 2022: गणेशोत्सव पर बन रहा 5 दुर्लभ संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त व मूर्ति स्थापना पूजा विधि
गणेशोत्सव का महापर्व आज यानी 31 अगस्त से शुरू हो रहा है. इसको लेकर लोग अभी से तैयारी शुरू कर दिए हैं. भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना के लिए जगह-जगह पण्डाल सजाए जा चुके हैं. इस बार गणेशजन्मोत्सव पर कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
Ganesh Chaturthi Murti Sthapana Time: गणेशोत्सव का महापर्व आज यानी 31 अगस्त से शुरू हो रहा है. इसको लेकर लोग अभी से तैयारी शुरू कर दिए हैं. भगवान गणेश की मुर्ति स्थापना के लिए जगह-जगह पण्डाल सजाए दिए गए हैं. इस बार गणेशजन्मोत्सव पर कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. ऐसे में यदि आप भी गणेश चतुर्थी पर मूर्ति की स्थापना करने वाले हैं तो आइए जानते हैं कि कब है मूर्ति स्थापना करने का शुभ मुहूर्त, क्या है पूजा विधि और किस मंत्र से करें भगवान गणपति की आराधना जिससे हमारी किस्मत खुल जाएगी.
गणेश मूर्ति स्थापना शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 06 बजे से 09 बजे तक, सुबह 10:30 से दोपहर 02 बजे तक, दोपहर 03:30 बजे से शाम 05 बजे तक शाम 06 बजे से 07 बजे तक है. इस दिन मूर्ति स्थापना करने का सबसे अच्छा मुहूर्त सुबह 11 से दोपहर 01:20 तक है, क्योंकि इस मध्य काल में भगवान गणपति का जन्म हुआ था.
गणेश चतुर्थी पर बन रहे ये पांच दुर्लभ योग
1. वार तिथि और नक्षत्र संयोगः इस बार गणेश चतुर्थी पर दिन से लेकर वे सारे योग-संयोग बन रहे हैं जो गणेश जी के जन्म के समय बने थे.
2. लंबोदर योगः गणेश उत्सव का त्यौहार 10 दिन तक मनाया जाता है. इस साल गणेश उत्सव पर दुर्लभ लंबोदर योग बन रहा है. ये योग पिछले 300 साल बाद बन रहा है इसलिए इसे लंबोदर योग कहा जा रहा है.
3. राज योगः इस बार गणेश चतुर्थी पर लंबोदर योग के साथ ही भगवान गणेश के जन्म के समय बनने वाले वक्त वीणा, वरिष्ठ, उभयचरी और अमला राज योग बन रहे हैं.
4. रवि योगः इस बार गणेश चतुर्थी पर 31 अगस्त की सुबह 05:38 से रात्रि 12:12 तक रवियोग के साथ शुक्ल योग बन रहा है.
5. ग्रह संयोगः गणेश चतुर्थी के दिन चार ग्रह अपनी स्वराशि में रहेंगे. बृहस्पति मीन में, शनि मकर में, बुध कन्या में और सूर्य सिंह राशि में रहकर शुभ योग निर्मित कर रहे हैं.
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गणेश मूर्ति स्थापना विधि
गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान करने के पश्चात नई चौकी लें और इसे गंगाजल से शुद्ध करें. इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रख कर भगवान गणपति की आराधना करें. इसके बाद गणपति के मुर्ति को चौकी पर स्थापित करें. अब आप भगवान गणेश की प्रतिमा पर गंगाजल छिड़कें और मुर्ति के दोनों तरफ एक एक सुपारी रखें. भगवान गणेश की मुर्ति के दाईं ओर एक जल से भरा कलश रखें. अब आप गणपति की आराधना करते हुए 'ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें. मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से हमारे घर में हमेशा खुशहाली बरकरार रहती है.
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