Madhya Pradesh News: एमपी के उज्जैन में महज 19 साल के एक नोजवान ने अपराध की दुनिया मे बड़ा नाम कमाया. सोशल मीडिया पर जिसके नाम की चर्चाएं हुईं. एक दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में युवाओ ने उसे फॉलो किया. उसकी स्टाइल नए बच्चो में जमकर छाई और कम उम्र के बच्चो में उसके जैसा ही बनने की होड़ लग गई. नाम है दुर्लभ कश्यप. जी हां दुर्लभ कश्यप जिसकी कहानी बहुत लंबी नहीं चल पाई और उसने 19 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया.  सवाल ये है कि क्या दुर्लभ कश्यप मर गया? तो जवाब मिलेगा हां पर सच ये है कि एक दुर्लभ के मरने के बाद अब समाज मे उसके रास्ते पर चलने वाले कई दुर्लभ तैयार हैं. 


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सोशल मीडिया रील्स में हाथों में तमंचा लिए खुद को डॉन साबित करने की हर संभव कोशिश में जुटे युवा हर वक्त इसी जुगत में जुटे हैं कि वो भी नाम कमाएं. लोग उनसे खौफ खाएं. इतना ही नहीं जिस दुर्लभ कश्यप का हश्र खराब हुआ, उस दुर्लभ के घर के सामने पहुंचकर बकायदा रील बनाना और फिर सोशल मीडिया पर शेयर करना. एक संदेश हैं कि दुर्लभ के जैसे लोग अभी जिंदा हैं. इन रील्स और इनके किरदारों का सूबे के दमोह में शुक्रवार की देर रात हुई एक हत्या से गहरा संबंध है. शुक्रवार की देर शाम दमोह के लोको क्षेत्र में एक युवा साहिल सेन की चाकू के हमले से वीभत्स हत्या कर दी गई. हत्या कांड में चार नामजद आरोपी बनाए गए जिनमे से मुख्य आरोपी के साथ एक और मतलब दो आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए हैं.


सीसीटीवी वीडियो ने खोला राज
साहिल हत्याकांड ने इलाके में सनसनी फैला दी. लोग दहशत में हैं. वजह लोकल गैंगवार निकली. साहिल और आरोपी के बीच वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा था. पहले भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ था. शुक्रवार को इन्ही पुराने विवाद में बातचीत करने लोको इलाके में मीटिंग फिक्स हुई थी. इसी दौरान जब बातचीत से हल नहीं निकला तो फिर झगड़ा और चाकूबाजी हुई. एक पक्ष ने साहिल नाम के युवा की हत्या कर दी. इस मीटिंग का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया. दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मुताबिक ये वीडियो इस हत्याकांड का एक हिस्सा है. उनके मुताबिक जांच में पाया गया है कि वीडियो हत्या की वारदात के कुछ ही देर पहले का है.


सामान्य नहीं था हत्याकांड
एसपी ने बताया कि पहले ये महज सामान्य चाकूबाजी में हत्या का मामला समझ में आ रहा था, लेकिन जब पुलिस ने इस सीसीटीवी फुटेज को आधार बनाकर जांच पड़ताल की तो मामला सामान्य नहीं बल्कि गैंगवार का निकला. पुलिस ने आरोपी नाबालिग के सोशल मीडिया एकाउंट्स को खंगाला तो मालूम चला कि आरोपी दुर्लभ कश्यप का बड़ा फैन है. उसके वीडियो और मनोवृत्ति उसे उसी दिशा में ले जा रही है, जिस दिशा में दुर्लभ गया. एसपी कहते हैं आजकल ये ट्रेंड बनता जा रहा है. नई पीढ़ी के बच्चे आसपास अपना दबाव बनाने के लिए रील्स का सहारा ले रहे हैं. उनकी रहन सहन एटीट्यूट भी कुछ ऐसा होता है जिससे वो डॉन नजर आएं.


'अपराधियों में दुर्लभ की परछाई'
एसपी ने कहा कि साहिल हत्याकांड में दुर्लभ की परछाई पहला मामला नहीं, बल्कि दमोह जिले में लगातार सामने आ रही वारदातों चाकूबाजी की घटनाओं में कहीं न कहीं दुर्लभ की परछाई जरूर नजर आ रही है. सीनियर एडवोकेट दीपक श्रीवास्तव के मुताबिक, जिला न्यायालय में आने वाले युवाओं के मामलों में अधिकांश मामलों में डॉन बनने की हसरत होती है. उनकी दलील है कि जिन भी युवाओं को दुर्लभ जैसे गेंगेस्टर से प्रेरणा मिल रही है एक बार दुर्लभ के पिता का इंटरव्यू जरूर देख लें.


सोशल मीडिया पर नजर रखेगी ट्रेंड
एडवोकेट दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस के लिए कोई भी हत्याकांड महज एक अपराध है और आये दिन हत्या की वारदात पुलिस के रोजनामचे में दर्ज होती हैं लेकिन इस हत्याकांड को पुलिस साधारण नहीं मान रही है. कारण यही की ऐसी वारदात कहीं और युवाओं को अपराध के लिए प्रेरित न करें. इसे लेकर अब सायबर सेल की टीम इलाके में सोशल मीडिया एकाउंट्स पर भी नजर रखेगी कि अपराध की तरफ झुकती रील्स स्टेटस को अपलोड करने वाले युवाओं की निगरानी की जाए.


रिपोर्ट: महेंद्र दुबे, दमोह