Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा पर बन रहा पंच महापुरुष योग, जानिए कैसे करें गुरु की पूजा
Guru Purnima 2022: गुरु पर्णिमा का पर्व 13 जुलाई को है. इस दिन ग्रह नक्षत्रों के अपने स्वराशि में गोचर करने से एक साथ कई राजयोग बन रहे हैं. आइए जानते हैं कब से शुरू हो रहा गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और क्या है इसका महत्व.
Guru Purnima 2022: आषाढ़ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि हर माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि से अलग महत्व रखता है. हिंदू धर्म को मानने वाले सभी लोग इस दिन अपने आराध्य देव और गुरु की पूजा विशेष रूप से करते हैं. इसलिए इस तिथि को गुरु पूर्णिमा पर्व के नाम से जानते हैं. इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 13 जुलाई को पड़ रहा है. इस बार गुरु पूर्णिमा की सबसे खास बात यह है कि इस दिन ग्रह नक्षत्रों कि स्थिति के आधार पर पंच महापुरुष योग का निर्माण हो रहा है. ऐसी मान्यता है कि जो शिष्य इस दिन अपने गुरु के पास जाकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करता है उसे साक्षात् विष्णु के पूजा का फल मिलता है. आइए जानते हैं कब शुरु हो रहा गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और कैसे करें गुरु की पूजा.
गुरु पूर्णिमा पर बन रहा राजयोग
गुरु पूर्णिमा पर कल यानी 13 जुलाई को 5 ग्रह मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि अपनी अपनी राशि में रह करके इस दिन कई राजयोग बना रहे हैं. ग्रहों की इन स्थिति के आधार पर गुरु पूर्णिमा के दिन पांच प्रकार के पंच महापुरुष योगों का निर्माण हो रहा है. साथ ही दोनों गुरु देव गुरु बृहस्पति एवं दैत्य गुरु शुक्र अपनी-अपनी राशि में रहकर के गुरु पूर्णिमा के दिन राजयोग का निर्माण कर रहे हैं.
जानिए कौन कौन से पंच महापुरुष योग का हो रहा निर्माण
गुरु पूर्णिमा पर मंगल ग्रह अपनी राशि मेष में रहकर रूचक नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण कर रहे हैं. बुध ग्रह अपनी राशि मिथुन में रह करके भद्र नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण कर रहे हैं. बृहस्पति ग्रह अपनी राशि में रहकर हंस नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण कर रहे हैं. शुक्र अपनी राशि वृष में रहकर मालव्य नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण करेंगे तो वहीं ग्रहों के न्यायाधीश की पदवी प्राप्त शनि देव अपने राशि में रहकर इस दिन के महत्व को और बढ़ा रहे हैं.
जानिए कब शुरु हो रहा गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को प्रातः काल 04 बजे से शुरू होगी. जो 13 जुलाई की रात 12 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी. इस शुभ घड़ी में आप सुबह स्नान करने के बाद घर के मंदिर में अपने आराध्य देवता की विधि विधान से पूजा करें. इसके बाद अपने पहले गुरु यानी माता-पिता का पैर छूकर आशीर्वाद लें. गुरु पर्णिमा के दिन गुरुजनों की पूजा करने के विधान है. इसलिए आप अपने गुरु के लिए पीताम्बर, नारियल, पुष्प, मिष्ठान, कपूर, लौंग लेकर गुरु के घर जाएं और गुरु का पैर छूकर आशीर्वाद लें. साथ ही गुरु की विधि-विधान से पूजा करें. मान्यता है कि जो शिष्य गुरु पुर्णिमा के दिन सच्चे मन से अपने गुरू की पूजा करता है उसे हर कार्यों में सफलता मिलती है.
ये भी पढ़ेंः Guru Purnima 2022: नौकरी व कारोबार में तरक्की के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, चमक जाएगी किस्मत
(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्याताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
LIVE TV