Guru Pushya Yog: ज्योतिषशास्त्र में गुरु-पुष्य योग का विशेष महत्व होता है. साल में इस नक्षत्र का संयोग दो से तीन दिन ही बनता है. गुरु-पुष्य नक्षत्र के संयोग में शुभ खरीदारी और शुभ कार्यों की शुरुआत करना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है. इस बार दिवाली से ठीक दो महीने पहले 25 अगस्त को एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. इस रोज पूरे 10 महायोग एक साथ पड़ रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मां लक्ष्‍मी से होता है गुरु-पुष्य नक्षत्र का संबंध
ज्योतिष के अनुसार जब गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है तो गुरु-पुष्य नक्षत्र का संयोग बनता है. मान्‍यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्‍मी से होता है. इस योग में कोई भी कार्य करने से आपको विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है. इस शुभ मुहूर्त में कोई भी कार्य करने से अभीष्‍ट सिद्धि की प्राप्ति होती है. इस शुभ महूर्त में कोई भी नया कारोबार करने से आपको भविष्‍य में कामयाबी प्राप्‍त होती है.


कब से कब तक रहेगा गुरु पुष्य नक्षत्र
हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु पुष्य नक्षत्र योग गुरुवार, 25 अगस्त को सूर्योदय के साथ प्रारंभ होगा और शाम 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इस महामुहूर्त में आप मांगलिक कार्य, खरीदारी या किसी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं. प्रॉपर्टी में निवेश से लेकर कपड़े, वाहन, ज्वैलरी की खरीदारी के लिए ऐसा शुभ योग बार-बार नहीं आता है. इस महायोग में घर या दफ्तर के लिए जरूरी सामान भी खरीदा जा सकता है.


सदियों बाद आता है ऐसा संयोग
25 अगस्त, गुरुवार के दिन 10 महायोग के साथ गुरु-पुष्य नक्षत्र का संयोग 1500 वर्षों बाद दोबारा बन रहा है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार गुरु-पुष्य नक्षत्र के संयोग के दिन सूर्य सिंह राशि, गुरु मीन राशि में, शनि मकर राशि में, बुध कन्या राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे. यानी ये सभी 5 ग्रह इस दिन स्वंय की राशि में मौजूद रहेंगे जोकि बहुत ही शुभ संयोग है. शुभ ग्रहों का ऐसा संयोग कई सदियों के बाद बन रहा है.