ग्वालियर। रेमडेसिविर इंजेक्शन यह नाम शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने सुना न हो. क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में इस इंजेक्शन के लिए मारामारी मची थी. आलम यह था कि इंजेक्शन खोजने पर भी आसानी से नहीं मिल रहा था. सोचिए जिस इंजेक्शन के लिए लोग परेशान हो रहे थे अब ग्वालियर वहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन बड़ी मात्रा में खराब हो गए. जिनकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है. 


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लाखों के इंजेक्शन खराब
दरअसल, ग्वालियर सीएमएचओ कार्यालय में रखे 692 रेमडेसिविर इंजेक्शन खराब हो गए, खास बात यह है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब इंजेक्शन एक्सपायर हुए हो इससे पहले भी नवंबर 2021 में 2248 इंजेक्शन खराब हो चुके हैं, यानि पिछले सात महीनों के दौरान कुल 99 लाख 96 हजार रुपए कीमत के इंजेक्शन खराब हुए हैं. जिससे आप जिम्मेदारों की लापरवाही का अंदाजा लगा सकते हैं. 


हालांकि इस मुद्दे पर स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक का कहना है कि विभाग की तरफ से रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर होने से पहले ही मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को इन इंजेक्शनों को वापस लेने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कॉर्पोरेशन ने इन इंजेक्शनों को लेने से मना कर दिया था. 


750 इंजेक्शन अभी भी स्टॉक 
बड़ा सवाल यह है कि अभी भी ग्वालियर के सीएमएचओ कार्यालय के स्टोर में करीब 750 रेमडेसिविर इंजेक्शन रखे हुए हैं, जो अक्टूबर में एक्सपायर हो जाएंगे. हालांकि एक वजह यह भी है कि कोरोना की तीसरी और चौथी लहर में मरीजों को इंजेक्शन लगाने की जरुरत नहीं पड़ी जिसके चलते भी यह इंजेक्शन एक्सपायर हुए हैं. 


डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन होने के चलते भी कोरोना का असर कम हुआ है, तीसरी और चौथी लहर में मरीज जल्दी स्वस्थ हो रहे थे, इसलिए भी रेमडेसिवर इंजेक्शन की जरुरत नहीं पड़ी. लेकिन इस तरह से रेमडेसिविर इंजेक्शन का खराब होना भी लापरवाही को दर्शाता है. 


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