ग्वालियर। एमपी निकाय चुनाव पूरे हो चुके हैं, कई शहरों में शहर की सरकार बन चुकी है, जबकि कई शहरों में अभी सरकार बनना बाकि है. ऐसे में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस में जोड़-तोड़ शुरू हो गई है. ग्वालियर में 5 अगस्त को परिषद की पहली बैठक बुलाई गई है. इसी दिन नगर निगम ग्वालियर के सभापति का चुनाव होगा. लेकिन ग्वालियर Gwalior में क्रॉस वोटिंग को लेकर भी दोनों पार्टियां अलर्ट है. ऐसे में ग्वालियर में बीजेपी के सभी नवनिर्वाचित पार्षदों की हरियाणा में बाड़ेबंदी की गई है. बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया Jyotiraditya Scindia सभी पार्षदों के साथ बैठक करेंगे. 


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रेवाड़ी में ठहरे सभी पार्षद 
मध्यप्रदेश के ग्वालियर के नगर निगम सभापति के चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने 34 पार्षदों को हरियाणा के रेवाड़ी में रिसॉर्ट में ठहराया हुआ है. दो बसों में सवार होकर आए बीजेपी पार्षद दो अगस्त की रात को यहां आए थे, दो दिन से सभी पार्षद यहां ठहरे हुए है. सभी पार्षद ग्वालियर से दिल्ली के लिए निकले थे. 


सिंधिया करेंगे बैठक 
दरअसल, ग्वालियर नगर निगम में बीजेपी ने अपना सभापति बनाने के लिए पूरी प्लानिंग की है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन पार्षदों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे. सिंधिया आज पार्षदों के साथ बैठक करेंगे. उसके बाद सभी पार्षद शाम तक रेवाड़ी से निकलकर वापस ग्वालियर के लिए रवाना होंगे. दिल्ली जयपुर हाइवे स्थित दिल्ली से करीबन 80 किलोमीटर दूर हरियाणा के रेवाड़ी में बने हंस रिसॉर्ट में ये सभी पार्षद ठहराए गए हैं. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी पार्षदों के साथ बैठक कर सकते हैं. 


कल होगा चुनाव 
दरअसल, ग्वालियर में 5 अगस्त को परिषद की पहली बैठक बुलाई गई है. इसी दिन नगर निगम ग्वालियर के सभापति का चुनाव होगा. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपना-अपना सभापति बनाना चाहती हैं लेकिन संख्याबल बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहा है. वहीं कांग्रेस का दावा है कि उनका सभापति बनेगा. ऐसे में बीजेपी को चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. यही वजह है कि पार्टी ने अपने सभी पार्षदों को दिल्ली भेजने का फैसला किया है. 


कांग्रेस ने भी पार्षदों की बाड़ेबंदी 
वहीं बीजेपी की प्लानिंग देखकर कांग्रेस ने भी अपने सभी पार्षदों की बाड़ेबंदी कर दी है. कांग्रेस में बुधवार शाम को कांग्रेस भी अपने 25 और निर्दलीय व बीएसएफ के सदस्यों के साथ तीर्थ दर्शन यात्रा पर निकले हैं. दरअसल, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपना-अपना सभापति बनाना चाहती हैं लेकिन संख्याबल बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहा है. वहीं कांग्रेस का दावा है कि उनका सभापति बनेगा. ऐसे में बीजेपी को चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. यही वजह है कि दोनों पार्टियों ने अपने-अपने पार्षदों को शहर से बाहर भेज दिया है. 


जानिए ग्वालियर नगर निगम परिषद का गणित 
ग्वालियर नगर निगम में 66 वार्ड हैं और यहां सभापति बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 34 पार्षदों का समर्थन चाहिए. नगर निगम चुनाव में बीजेपी के पूरे 34 पार्षद जीते हैं. वहीं कांग्रेस के 25 पार्षदों को जीत मिली. 3 निर्दलीय पार्षद कांग्रेस की सदस्यता ले चुके हैं और 4 और निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं. इस तरह कांग्रेस के कुल पार्षदों की संख्या 32 हो गई. बता दें कि ग्वालियर में कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी शोभा सिकरवार ने जीत दर्ज की है. वह मेयर पद की शपथ भी ले चुकी हैं. 


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