Gwalior News: ग्वालियर में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. ग्वालियर रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर से ऑनलाइन 51 लाख रुपये की ठगी करने वाले चार और आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है. यह सभी लोग बिश्नोई गैंग के हैं. ठगी गई रकम को फर्जी खातों में जमा करके उसे मुख्य आरोपी तक पहुंचाने की उनकी जवाबदेही थी, चलिए ठगी के इस पूरे मामले को जानते हैं...


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जानिए पूरा मामला?
बता दें कि बिश्नोई गैंग को फर्जी अकाउंट खुलवाने का ठेका गुजरात के अक्षय बगड़िया ने दिया था. इसलिए आरोपी गांव से सीकर आ गए थे. यहां बाहर से पढ़ने आए छात्रों को झांसे में लेकर उनके नाम से खाते खुलवाए गए और इसमें शिक्षिका से ऐंठा गया पैसा जमा कराया गया. गौरतलब है कि 2 महीने पहले सीपी कॉलोनी में रहने वाली रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर को साइबर ठगों ने डिजिटली अरेस्ट कर मुंबई पुलिस के सीबीआई ऑफिसर बनकर फोन किया था. उन पर 24 एफआईआर दर्ज होना बताकर डराया था. यहां तक कि बदमाशों ने उन्हें किसी से नहीं मिलने किसी को फोन नहीं करने और घर में ही रहने की चेतावनी दी थी. यह रिटायर्ड शिक्षिका इतनी ज्यादा डर गई कि उसने अपनी विभिन्न एफडी तुड़वाकर बदमाशों के खातों में 51 लाख रुपये की राशि जमा कर दी थी.


मास्टरमाइंड भिलाई से हुआ था गिरफ्तार
इसमें पूर्व में मास्टरमाइंड कुणाल जायसवाल भिलाई से गिरफ्तार हो चुका है. कुछ पैसा रियल एस्टेट कारोबारी मीर मुदस्सर कश्मीर के नाम से भी जमा हुआ था. मुदस्सर ने अपना कमीशन काटकर राजस्थान के सीकर में सुनील बिश्नोई के खाते में पैसे भेज दिए थे. पुलिस ने आशा भटनागर के बैंक खाते से निकाला गया पैसा किन-किन खातों में गया इसकी कड़ियां जोड़ी थीं. इसमें राजस्थान के चार बैंक खाते मिले. फर्जी खाता खुलवाने वाली बिश्नोई गैंग के चार सदस्य पुलिस की गिरफ्त में आए. सुनील बिश्नोई जैसलमेर का रहने वाला है, उसके गांव का प्रदीप बिश्नोई मणि शंकर बिश्नोई और विकास बिश्नोई जोधपुर के रहने वाले बताए गए हैं. रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर से ऑनलाइन ठगी के मामले में सुनील बिश्नोई को 90 हजार रुपए कमीशन के रूप में मिले थे. बाकी तीन सदस्यों को तीस हजार रुपए खर्चे के लिए दिए गए थे. मास्टर माइंड कुणाल जायसवाल, रियल एस्टेट कारोबारी मीर मुदस्सर और अक्षय बगड़िया को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.


रिपोर्ट: करतार सिंह राजपूत (ग्वालियर)