MP News: कैंसर से हो रही मौतों को रोकने MP के किसान ने उठाया बीड़ा, इस विशेष पहल के लिए सरकार ने भी नवाजा
Harda News: विश्व कैंसर दिवस के मौके पर पढ़िए मध्य प्रदेश के एक ऐसे किसान की कहानी, जिसने कैंसर के कारण होने वाली मौतों को रोकने का बीड़ा खुद उठा लिया. बात हो रही है हरदा जिले के किसान नन्हेलाल भाटी की. जानिए आखिर ऐसा क्या हुआ, जो उन्होंने एक विशेष पहल की और इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने भी उन्हें नवाजा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट-
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश का जिला हरदा. इस जिले के बाला गांव में रहने वाले किसान नन्हेलाल भाटी ने कैंसर से हो रही मौतों को रोकने के लिए अनोखी पहल की है. उन्होंने रासायनिक दवाइयों के उपयोग के कारण होने वाले कैंसर और उससे बढ़ रही मौत की संख्या को थामने के लिए जैविक खेती शुरू की. इस पहल के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है. आखिर ये पहल कैसे शुरू हुई और क्या है पूरी कहानी जानिए-
सास-ससुर की मौत के बाद लिया फैसला
बाला गांव के रहने वाले किसान नन्हेलाल भाटी ने बताया कि साल 2010 में उनके सास-ससुर की कैंसर से मौत हो गई थी. नन्हेलाल पर उनकी मौत का गहरा असर पड़ा, जिसके बाद उन्होंने अपने खेत में रासायनिक खेती छोड़कर जैविक खेती अपनाने का फैसला किया. खेती में उपयोग होने वाली सायनिक दवाइयों से कई तरह की बीमारी होती हैं. साथ ही कैंसर का खतरा होता है. ऐसे में कैंसर की बीमारी को खत्म करने के लिए उन्होंने जैविक खेती का उपयोग शुरू किया. वे अपने परिवार और दूसरों को लिए भी जैविक खेती का उत्पादन करते हैं.
7 एकड़ जमीन में कर रहे खेती
किसान नन्हेलाल भाटी के पास में 7 एकड़ जमीन है. इसी जमीन में वह अपने घर में ही गोबर से खाद तैयार करते हैं और खेत में जैविक खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि जैविक खेती अपनाने के बाद न सिर्फ आमदनी में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि बीमारियों भी न के बराबर हो रही हैं.
मध्य प्रदेश सरकार कर चुकी है सम्मानित
इस पहल के लिए किसान नन्हेलाल भाटी को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कई बार सम्मानित किया जा चुका है. MP सरकार ने साल 2017 में उन्हें कृषि भूषण अवार्ड से सम्मानित किया था. नन्हेलाल न सिर्फ खुद जैविक खेती करते हैं बल्कि अन्य किसानों को भी जैविक खेती के बारे में जानकारी देते हैं और प्रेरित करते हैं.
विश्व कैंसर दिवस
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य लोगों में कैंसर से बचाव और उसके प्रति जागरूकता लाना है. इसकी शुरुआत 1933 में हुई थी.
इनपुट- हरदा से अर्जुन देवड़ा की रिपोर्ट, ZEE मीडिया