Mental Health News: स्ट्रेस और एंग्जायटी में ये फर्क जानते हैं क्या आप? जान लेंगे तो नहीं होंगे परेशान
Health Tips: आज के समय में स्ट्रेस और एंग्जायटी होना आम बात हो गई है . ऐसे में जरुरी है कि आप उसे अच्छी तरह से समझे और वैसे ही रियेक्ट करें.
Health Article: स्ट्रेस / एंग्जायटी में फर्क : आज कल के भागदौड़ वाले जीवन में स्ट्रेस और एंग्जायटी का होना आम बात है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक हर कोई अपने जीवन में कहीं न कहीं परेशान हैं, लेकिन यह समझना जरुरी है कि स्ट्रेस या तनाव नकारात्मक नहीं होता. यह आपको आपके लक्ष को पूरा करने की प्रेरणा देता है. वहीं अगर आप एंग्जायटी के शिकार हैं तो आपको मेडिकल सहायता की आवश्यकता है.
क्या होते हैं इनके लक्षण
स्ट्रेस आपका कुछ समय तक का होता है जब तक की आपका वह कार्य पूरा नहीं हो जाता और एंग्जायटी आपको लम्बे समय तक रह सकती है. लकिन इनके लक्षण एक जैसे ही होते है. आपको हर वक़्त बेचैनी सी महसूस होगी , सर में दर्द रहेगा, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहेगी ,नींद की कमी होगी , हाथ का कांपना आदि है. जब हम रोज़मर्रा के तनाव की बात करते हैं तो इसकी कोई न कोई वजह होती है जैसे आपके ऑफिस का माहौल, रिश्तों में किसी तरह की परेशानी. यही अगर आपको एंग्जायटी है तो इसका कारण पता लगाना थोड़ा मुश्किल साबित हो सकता है. स्ट्रेस आपके सिचुएशन के ठीक होते ही आपको हल्का महसूस होगा लेकिन एंग्जायटी में ऐसा नहीं होता है क्योंकि यह लम्बे समय तक बना रहता है.
एंग्जायटी का हेल्थ पर असर
अगर आप एंग्जायटी के शिकार हैं तो इसका असर आपके शरीर पर भी पड़ सकता है. आप बीमार भी हो सकते हैं. पैनिक अटैक या एंग्जायटी अटैक का आना, इसमें आपकी मांसपेशियां टाइट होने लगती हैं, पसीने छूटने लगते हैं, गर्दन व मसूढ़ों के आसपास जकड़न महसूस होती है. स्ट्रेस एक तनाव होता है जबकि एंग्जायट किसी चीज़ का डर जो आपके मन में घर कर लेता है. यह डर काल्पनिक भी हो सकती है .
कैसे निकाले खुद को बाहर
तनाव से खुद को बचाने के लिए आप मैडिटेशन, योगा कर सकते हैं. मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए एक्सरसाइज या मसाज भी ले सकते हैं. सही खान पान खाएं, पॉजिटिव ऐटिटूड रखें और अपने आप को फ़ोन से भी थोड़ा दूर रखें क्योंकि आज कल यह भी एक तनाव का कारण बन गया है.
एंग्जायटी से ग्रसित लोग डॉक्टर्स की सहायता ले सकते हैं . आप किसी अच्छे मनोचिकित्सक के पास जाएं और इसमें कोई शर्म की बात नहीं है. जितना हो सके आप खुद को कामों में उलझा कर रखें इससे आपका मन नहीं भटकेगा. दिमाग और मन को शांत रखने के लिए आप मैडिटेशन का सहारा ले सकते हैं या फिर आप ऑनलाइन मोटिवेशनल टॉक भी सुन सकते हैं.