High court Comment: मध्य प्रदेश के ग्वालियर  (Gwalior)में सिंधिया रियासत के दौरान लंदन की टेम्स नदी के तर्ज पर स्वर्ण रेखा नदी बनाई गई थी. इसका उद्देश्य था की लोगों को स्वास्थ्य पानी मिल सके और प्यास बुझ सके. लेकिन इस समय इसकी हालत पर  हाई कोर्ट पीठ ने नगर निगम आयुक्त के ऊपर कमेंट करके कहा कि  कि ईश्वर ने आपको कमिश्नर बनाकर ग्वालियर भेजा है. आप शहर के लिए ऐसा काम कीजिए, जिससे सालों तक आपको याद रखा जाए. इसके अलावा भी कोर्ट ने और भी बहुत कुछ कहा.


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हर कोई कर लेता है घर की सफाई
ग्वालियर कोर्ट ने इसके अलावा नगर निगम आयुक्त से कहा कि घर की सफाई हर कोई कर लेता है. लेकिन शहर की सफाई की जिम्मेदारी हमारी और आपकी है. साथ ही साथ कहा कि इस नदी की साफ सफाई में फंड की जरुरत है तो उसे हाईकोर्ट पूरा कराएगा. 


दिए गए दिशा निर्देश
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कमिश्नर को और भी कई दिशा निर्देश दिए. सुनवाई के दौरान कहा कि नदी में किसी भी प्रकार का गंदा पानी न आने पाए इसे रोकने के लिए नदी को पूरी तरह सूखा बनाया जाए. साथ ही साथ नदी के ऊपर जितने भी अतिक्रमण है उसे हटाया जाए. इसके अलावा कोर्ट ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता को आदेश दिया कि नदी में साफ पानी कैसे बहेगा, उसकी कार्य योजना बनाएं. बता दें कि याचिका की अगली सुनवाई अब जुलाई में की जाएगी.


2019 में दी गई थी याचिका
स्वर्ण रेखा नदी की गंदगी और बदहाली को लेकर ग्वालियर के गोसपुरा निवासी विश्वजीत रतोनिया ने जनहित याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा थी कि स्वर्णरेखा नदी अब नाले में तब्दील हो गई है. इसमें वाटर रिचार्ज सिस्टम भी खत्म हो गया है. सीवर लाइन जुड़ने की वजह से इसमें गंदगी हो रही है और ये अपने अस्तित्व को खोते जा रही है.


स्वर्ण रेखा नदी
स्वर्ण रेखा नदी को लंदन की टेम्स नदी की तर्ज पर बनाया गया था. ये ग्लालियर शहर में स्थित है. स्वर्णरेखा नदी कभी पूरे शहर के लोगों की प्यास बुझाती थी. ये नदी सिंधिया रियासत के दौरान बनाई गई थी. इसे बनाने का उद्देश्य लोगों को स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य पानी दिलाने का था. मगर इस समय ये बदहाली के कागार पर खड़ी है. हालांकि कोर्ट ने आदेश दिया है कि इसे पहले की तरह बनाया जाए.