राहुल सिंह राठौर/उज्जैनः बदलते वक्त के साथ टेक्नोलॉजी आज हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गई है. तकनीक ने आज हमारे जीवन के हर हिस्से में अपनी पहुंच बढ़ा दी है. इससे खेती भी अछूती नहीं है. मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें किसान ड्रोन से फसलों में दवाई का छिड़काव करता नजर आ रहा है. 


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सोयाबीन की फसल में हुआ छिड़काव
उज्जैन के जवासिया कुमार गांव के किसान अजय पटेल ने बताया कि उन्होंने खरीफ की फसल सोयाबीन में ड्रोन की मदद से दवाई का छिड़काव एक निजी कंपनी से कराया है. इल्लियों के प्रकोप से छुटकारा पाने के लिए दवाई का छिड़काव कराया गया है. किसान ने बताया कि ड्रोन से दवाई के छिड़काव से उन्हें 500-1000 रुपए की बचत हुई है. कई क्षेत्रीय किसानों ने इसका लाभ लिया है. इसकी वजह है कि 16 बीघा जमीन पर लगी फसलों में दवाई के छिड़काव के लिए जो कीमत 4 मजदूरों की मजदूरी और दवाई छिड़काव का खर्च होता है, उससे कम कीमत में और कम समय में ड्रोन से दवाई का छिड़काव हो जाता है.


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आधे घंटे में हो जाता है काम
उदाहरण के लिए 4 मजदूर एक घंटे में 16 बीघा जमीन में दवाई का छिड़काव करते हैं. इस दौरान वह प्रति मजदूर 200 रुपए की दर से करीब 800-1000 रुपए चार्ज करते हैं. साथ ही ट्रैक्टर, डीजल और दवाई का खर्च मिलाकर यह खर्च करीब 2000 रुपए तक पहुंच जाता है. वहीं ड्रोन से 15 मिनट में 2 बीघा जमीन पर दवाई के छिड़काव का खर्च महज 200 रुपए आता है. इस तरह ड्रोन से 16 बीघा खेत में छिड़काव का खर्च 1500-1600 रुपए होता है. इसमें दवाई का खर्च भी शामिल है. साथ ही यह पूरा काम आधे घंटे में पूरा भी हो जाता है. 


किसानों को काफी राहत
किसान अजय पटेल ने बताया कि अभी वह निजी कंपनी के ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. ड्रोन की कीमत 8 लाख रुपए है, यदि किसान इस ड्रोन को खरीदने का मन बना रहे हैं तो फिर उन्हें सरकार की तरफ से ड्रोन खरीद पर सब्सिडी भी दी जाएगी. पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों, मजदूरों के रेट बढ़ने को देखते हुए ड्रोन से दवाई का छिड़काव किसानों को काफी राहत दिलवा सकता है. ड्रोन से दवाई का छिड़काव बेहतर होता है और पानी की बचत भी होती है.