कनीराम यादव/आगर मालवा: जिले में होली (Holi in Agar Malwa) के अवसर पर परम्परा अनुसार धधकते अंगारों पर नंगे पैर (people walk barefoot on flaming embers) लोग चले.धधकते अंगारों पर न केवल पुरुष चलते हैं, बल्कि परंपरा के नाम पर महिलाएं सहित छोटे-छोटे बच्चे भी धधकते अंगारों पर नंगे पैर चलते नजर आते हैं. बता दें कि जिले के ग्राम लिंगोड़ा में हनुमान मंदिर परिसर में वर्षो पुरानी परंपरा अनुसार चूल का आयोजन किया गया.


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बता दें कि आगर-मालवा जिले के ग्राम लिंगोड़ा में श्रद्धा भक्ति के साथ हनुमान भक्त धधकते अंगारों पर चलते हैं. इस ग्राम में यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है. दरअसल, ग्रामीणों में मान्यता है कि अंगारों की जलती चूल पर चलने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण होती है.


ग्राम लिंगोड़ा में है प्राचीन हनुमान मंदिर
आगर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम लिंगोड़ा में प्राचीन हनुमान मंदिर है. यहां पर होली के दूसरे दिन धुलेंडी पर बड़ी संख्या में आसपास के क्षेत्रों से लोग एकत्रित होते हैं और फिर यहां पर अंगारों की एक चूल बनाई जाती है. धधकते अंगारों पर हनुमान भक्त अपनी आस्था के साथ नंगे पैर चलते हैं. ग्रामीणों की मान्यता है कि ऐसा करने से लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और साथ ही अंगारों पर चलने के बाद भी उनके पैर में किसी तरह के घाव नहीं होते.


मंदिर परिक्षेत्र में मेले का आयोजन किया जाता है
बता दें कि यहां इस दिन मंदिर परिक्षेत्र में एक मेले का भी आयोजन किया जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में लोग आते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक यह परंपरा काफी पुरानी है और मंदिर भी काफी प्राचीन और चमत्कारिक है. अब नंगे पैर अंगारों पर चलना इसे आस्था कहे या अंधविश्वास यह तो मानने वाले के ऊपर निर्भर करता है.