प्रमोद सिन्हा/खंडवाः उत्तर प्रदेश और असम के बाद अब मध्य प्रदेश में भी अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. दरअसल राज्य की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने अपने एक बयान में अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. ऊषा ठाकुर ने कहा कि राज्य में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच की जानी चाहिए. खंडवा में मीडिया से चर्चा करते हुए मंत्री ऊषा ठाकुर ने ये बातें कहीं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मदरसों की जांच की उठी मांग
शिवराज सरकार की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि राज्य में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच की जानी चाहिए . साथ ही ऐसा हर मदरसा बंद होना चाहिए, जिसने जिला शिक्षा अधिकारी से अनुशंसा नहीं कराई है या मदरसा बोर्ड में पंजीकृत नहीं है. उन्होंने कहा कि अवैध मदरसे किस तरह का काम करेंगे इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं ले सकता है. 


ऊषा ठाकुर ने कहा कि हमारे बाल आयोग के कुछ लोगों ने निरीक्षण किया था, जिसमें देखा कि मदरसों में छोटे-छोटे बच्चों को रखा जाता है. वहां बच्चों के रहने के लिए स्वच्छ वातावरण नहीं है, खाने-पीने की व्यवस्था नहीं है. बच्चे राष्ट्र की धरोहर होते हैं. उनकी रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है. हमें डर लगा कि कहीं ये मानव तस्करी का मामला ना हो. 


इन राज्यों में हुई मदरसों के खिलाफ कार्रवाई
बता दें कि असम में साल 2020 के आखिर में ही सरकारी सहायता से चलने वाले मदरसों और सांस्कृतिक स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया था. सरकार के इस फैसले का काफी विरोध भी हुआ. सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई लेकिन हाईकोर्ट ने भी सरकारी आदेश को बहाल रखा. 


वहीं उत्तर प्रदेश में भी सरकार मदरसा आधुनिकीकरण योजना का लाभ लेने वाले सभी मदरसों की जांच कराने जा रही है. दरअसल सरकार को कुछ जिलों में फर्जी मदरसों के संचालन की शिकायत मिली थी, जिसके बाद सरकार ने यह फैसला किया है.