इंदौर। भाजपा ने प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगम इंदौर में इस बार युवा प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव पर दाव लगाया है. उनके सामने कांग्रेस के संजय शुक्ला है, जो इंदौर-1 विधानसभा सीट से विधायक भी है. लेकिन पुष्यमित्र भार्गव पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं, खास बात यह है कि उन्होंने महापौर का प्रत्याशी बनते ही एक पद से इस्तीफा भी दिया है. 


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एडीशनल एडवोकेट जनरल के पद से दिया इस्तीफा
दरअसल, बीजेपी के महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव एडिशनल एडवोकेट जनरल भी है, जैसे ही उनके नाम की घोषणा हुई तो उन्होंने सबसे पहले एडिशनल एडवोकेट जनरल पद छोड़कर विधि विभाग के प्रमुख सचिव को इस्तीफा भेज दिया. बताया जा रहा है कि भार्गव पहली बार सीधे महापौर का चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है. 


अब तक के सबसे युवा प्रत्याशी
बीजेपी के पुष्यमित्र भार्गव इंदौर में अब तक के सबसे युवा प्रत्याशी है, 41 साल के भार्गव को आरएसएस की पसंद बताया जा रहा है, पेशे से वकील भार्गव एलएलबी और एलएलएम कर चुके हैं. वे एबीवीपी में भी कई अहम पदों पर भूमिका निभा चुके हैं. उन्होंने असम में भी लंबे समय तक एबीवीपी के लिए काम किया है.बताया जा रहा है कि इंदौर में महापौर पद के लिए कई प्रत्याशी थे, लेकिन आखिर में पुष्यमित्र भार्गव के नाम पर सहमति बनी. 


इंदौर के मुकाबले पर सबकी नजर
इंदौर में महापौर पद के प्रत्याशी के लिए सबकी नजरे टिकी हुई हैं. क्योंकि इंदौर प्रदेश का सबसे बड़ा नगर निगम है, खास बात यह है कि इंदौर लगातार स्वच्छता की रेकिंग में पांच बार से नंबर वन बनता आ रहा है. इस उपलब्धि में इंदौर नगर निगम के महापौर की भूमिका भी सबसे अहम मानी जाती है. इसलिए इस बार इंदौर के महापौर चुनाव पर सबकी नजर है क्योंकि कांग्रेस ने इस बार पहले ही से ही संजय शुक्ला के टिकट दे दिया था. वे भी लगातार प्रचार में जुटे हैं. 


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