पुष्पेंद्र वैद्य/इंदौर: इंदौर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज (Indore's Government Law College Book Controversy) में शुक्रवार दोपहर हुए विवाद के बाद एबीवीपी और कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज की लाइब्रेरी में मौजूद विवादित किताब के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. मामले में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने भंवरकुआं थाने पर शिकायत दर्ज कर करायी और पुस्तक की लेखिका सहित किताब को कॉलेज की लाइब्रेरी में रखने के लिए जिम्मेदार लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. बता दें कि इससे पहले इसी कॉलेज में एबीवीपी ने आरोप लगाया था कि कॉलेज में कुछ शिक्षक 'लव जिहाद' को बढ़ावा दे रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उच्च शिक्षा ने दिए जांच के आदेश 
कॉलेज में धार्मिक अराजकता बढ़ने के आरोप के बाद अब उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (MP Higher Education Minister Mohan Yadav) ने भी इस मामले में कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. सोशल मीडिया पर किताब में लिखे विवादित कंटेंट के वायरल होने के बाद मामले में अब सरकार का दखल देखने को मिल रहा है. 


मध्य प्रदेश में Bharat Jodo Yatra का आखिरी दिन, MP में ऐसी रही राहुल की यात्रा


मामले की जांच की जा रही है:शशिकांत चौरसिया
गौरतलब है कि उक्त किताब इंदौर गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के एमएलएम थर्ड सेमेस्टर (MLM Third Semester of Indore Government Law College) की है. जो कॉलेज के छात्रों को पढ़ाई जा रही थी. मामले में थाना प्रभारी भंवरकुआं शशिकांत चौरसिया ने बताया कि उन्हें कॉलेज के छात्रों द्वारा उक्त विवादित किताब के बारे में शिकायत की गई है. मामले में शिकायत और किताब दोनों की जांच की जा रही है. जिसके बाद संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.


बता दें कि 'लव जिहाद' को लेकर हुए विवाद के बाद छह शिक्षकों को एकेडमिक वर्क से पांच दिन के लिए हटा दिया गया. जिनमें प्रोफेसर मिर्जा मोजिज बेग, प्रोफेसर अमीक खोकर, प्रोफेसर सुहैल अहमद वानी, प्रोफेसर मिलिंद कुमार गौतम, प्रोफेसर फिरोज अहमद मीर और पूर्णिमा बिसे शामिल हैं.