इंदौर में लंपी वायरस के अटैक से अलर्ट, इन कामों पर पूरी तरह से लगा प्रतिबंध
इंदौर में लंपी वायरस का कहर दिखने लगा है, जिले में लंपी बीमारी से प्रभावित पशु मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं इंदौर कलेक्टर ने भी धारा-144 लागू करते हुए पूरे जिले में कई कामों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इंदौर। लंपी वायरस (Lumpy Skin Disease) मध्य प्रदेश में भी जमकर कहर बरपा रहा है, लंपी वायरस के कारण अब तक प्रदेश में कई गायों की मौत हो चुकी है. इंदौर जिले में भी लंपी वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. इंदौर जिले में पशु हाट बाजारों में पशुओं के क्रय-विक्रय पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. क्योंकि लंपी रोग गौवंश में तेजी से फैल रहा है, जिससे दूध की खपत पर भी अब असर पड़ने लगा है.
इंदौर में नहीं होगा गौवंश का परिवहन
इंदौर जिले में किसी भी तरह से गौवंश का परिवहन नहीं होगा, इंदौर से लगे दूसरे जिलों की सीमाओं से जुड़े जिलों से इंदौर जिले में गौवंश और भैंसवंश का परिवहन पूरी तरह से तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है.
लंपी चर्मरोग फैलने की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर ने धारा 144 के तहत यह आदेश जारी किया है. इंदौर जिले के देपालपुर विकासखण्ड के ग्राम रोमदा एवं देपालपुर में पशुओं में लंपी चर्मरोग के लक्षण पाये जाने से पशुओं में व्यापक रूप से लंपी चर्मरोग फैलने की स्थिति निर्मित हो सकती है. इसलिए संक्रमण की रोकथाम के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं. ताकि पशुओं में यह रोग फैलने से बचाया जा सके.
इंदौर कलेक्टर की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति या संस्थान द्वारा गौवंश या भैंसवंश का परिवहन किसी भी प्रकार के वाहन या व्यक्तिगत पैदल रूप से अन्य जिलों की सीमाओं से जुड़े जिलों से इंदौर जिले में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. इंदौर जिले के अंतर्गत लगने वाले समस्त पशुहाट-बाजारों में पशुओं के क्रय-विक्रय पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा,, साथ ही हाट बाजारों के लगने को भी प्रतिबंधित किया गया है. इंदौर जिले में वाहनों के माध्यम से पशुओं का आवागमन पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा. पशुओं को किसी भी माध्यम से इंदौर जिले से बाहर जाना तथा अन्य जिले से इंदौर जिले में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा.
इंदौर जिले के राजस्व अनुभाग इंदौर, देपालपुर, हातोद, महू, सांवेर, मल्हारगंज, जूनी इंदौर, कनाडिया, राऊ, खुड़ैल, भिचोली हप्सी की सीमाओं में परस्पर एक-दूसरे अनुभाग की सीमाओं से पशु वाहनों का प्रवेश एवं आवागमन प्रतिबंधित रहेगा. जबकि लंपी चर्मरोग से प्रभावित पशुओं को ग्राम के सार्वजनिक जलाशय पर पानी पिलाया जाना भी प्रतिबंधित रहेगा, यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाकर 18 नवम्बर 2022 तक प्रभावशील रहेगा. उक्त प्रभावशील अवधि में उक्त आदेश का उल्लघंन धारा 188 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा.
क्या है लंपी रोग
लंपी स्किन डिजीज जिसे पशु चेचक भी कहते हैं एक वायरल बीमारी है जो कैपरी पाक्स वायरस से फैलती है, कैपरी पाक्स वायरस से बकरियों में गोट पाक्स नाम की बीमारी फैलती है और भेड़ों में सीप पाक्स तथा गायों में लंपी स्किन डिजीज नाम की बीमारी फैलती है.