Intelligence Report: भोपाल: शांति का टापू कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के तत्व सक्रिय हो गए हैं. पिछले कुछ समय में यहां कई घटनाएं देखने को मिली. इस बीच अब इंटेलिजेंस ने गृह विभाग को इनपुट दिया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है. प्रदेश में शांति भंग करने वाले गिरोह सक्रिय हैं. रिपोर्ट को सीरियस लेते हुए गृह विभाग ने सभी कलेक्टरों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किए है और पुलिस को अलर्ट रहने के लिए कहा है.


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1 जनवरी से 31 मार्च तक रहे अलर्ट
इंटेलिजेंस की खूफिया रिपोर्ट के बाद गृह विभाग में प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा है. इसमें सख्ती और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. गृह विभाग की ओर से कहा गया है कि 1 जनवरी से 31 मार्च तक विशेष सावधानी बरती जाए. गुंडे बदमाशों और असामाजित तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ एनएसए की कार्रवाई की जाए. शांति के दुश्मनों को जिला बदर कर दिया जाए.


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रामेश्वर शर्मा का आया बयान
कानून व्यवस्था को लेकर गृह विभाग के आदेश पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का बयान आया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसी नजर रखती है. ऐसे कई लोग हैं जो मध्य प्रदेश में माहौल बिगाड़ने की साजिश रच चुके हैं. भारत छोड़ो यात्रा में भी देशद्रोह के नारे लगे. सतर्कता बरतना सरकार की कोशिश है. इसलिए सभी जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षकों निर्देश दिए गए हैं. इस तरह के मंसूबे रखते हैं उनको कुचलना जरूरी है मामा का बुलडोजर चल रहा है.


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राजपत्र में प्रकाशित हुआ आदेश
खूफिया रिपोर्ट के बाद राजपत्र सरकार के आदेशों को छापा गया है. इसमें कहा गया है कि 'राज्य शासन के पास ऐसी रिपोर्ट है कि सांम्प्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने के लिये और लोक व्यवस्था तथा राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई कार्य करने के लिये सक्रिय है और उनके सक्रिय रहने की संभावना है. राज्य के प्रत्येक जिले की स्थानीय सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों में विद्यमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार को यह विश्वास हो गया है कि संबंधित जिला दण्डाधिकारी को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 ( 1980 का सं. 65 ) की धारा 3 की उपधारा (3) के अंतर्गत अधिकृत किया जाना आवश्यक है.


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अतः राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 ( 1980 का सं. 65) की धारा 3 की उपधारा ( 3 ) के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, एतद्वारा यह निर्देश देती है कि संबंधित जिला दण्डाधिकारी अपने जिले की स्थानीय सीमाओं के भीतर दिनांक 01 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2023 तक की कालावधि के दौरान उक्त धारा 3 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त निरोध का आदेश करने की शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा.