International Women's Day: हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं. वे वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, कलाकार, नेता और बहुत कुछ हैं. वे अपनी बुद्धि, प्रतिभा और कड़ी मेहनत से दुनिया को बदल रही हैं. ऐसी ही एक कहानी मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले से सामने आई है. जहां कुछ महिलाएं अपने काम और साहस से हमें प्रेरणा दे रही हैं. वे बाधाओं को तोड़ रही हैं और असंभव को संभव बना रही हैं.


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पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलकर बढ़ रहीं हैं महिलाएं
मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले की कुछ महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर काम करने को तैयार हैं. यह प्रदेश का पहला टोल प्लाजा है, जहां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने कमान संभाली है. साधना शर्मा स्वयं सहायता समूह की संचालिका हैं. वह और उनके समूह की 18 महिलाएं टोल प्लाजा चलाने के अलावा अन्य काम भी करती हैं. इन महिलाओं को तीन शिफ्ट में काम करने का समय दिया गया है. ये सभी एक ही गांव की हैं और पहले से ही एक समूह में काम करती थीं.


हर काम में अव्वल
ये महिलाएं हाईवे पर आने वाले वाहनों को रुकवाती हैं और उनसे टोल टैक्स वसूल करती हैं. ये कंप्यूटर का उपयोग करके टोल टैक्स का लेनदेन करती हैं. कुछ महिलाएं सड़क किनारे बैठकर निगरानी रखती हैं, जबकि कुछ केबिन में अपना काम संभालती हैं. खास बात यह है कि समूह की लड़कियां यहां से अपनी आमदनी बढ़ाकर पढ़ाई करना चाहती हैं. कोई आईपीएस बनना चाहती है तो किसी ऑफिसर बनना है.


महिला सशक्तिकरण की तरफ एक और कदम
यह टोल प्लाजा मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने में मदद कर रहा है. यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ना चाहती हैं. यह दर्शाता है कि महिलाएं किसी भी काम में पुरुषों से कम नहीं हैं.


रिपोर्टर - कनीराम यादव