New ipc section: देश में किसी से भी पूछिए कि 302 का मतलब क्या होता है, तो तुरंत बता देते हैं कि ये हत्या की धारा है. लेकिन अब मोदी सरकार अंग्रेजों के कानून को बदलने जा रह है. दरअसल मोदी सरकार तीन नए बिल लेकर आई है, जिसमें कानूनों को नए रुप और नए नंबर दिए गए है. जिसके मुताबिक 302 और 420 जैसे चर्चित कानून के कोड बदलने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद कौन सी धाराओं को बदल दिया जाएगा.


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गृहमंत्री ने पेश किए तीन बिल
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में शुक्रवार को तीन बिल पेश किए, जिसमें कानूनों की नई परिभाष तय की गई है. दरअसल अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल पेश किया है. इस बिल में IPC और CrPC की कई धाराएं बदलने का प्रस्ताव रखा गया है. 


अब कितनी धाराएं होंगी
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, जो CrPC को रिप्लेस करेगी, उसमें 533 धाराएं होंगी, जिसमें 160 धाराओं को बदल दिया गया है, 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 9 को रद्द कर दिया गया है.  वहीं भारतीय न्याय संहिता जो IPC को रिप्लेस करेगी, उसमें 511 धाराओं के स्थान पर अब 356 धाराएं होगी, जिसकी 175 धाराओं में बदलाव किया गया है. 8 नई धारा को जोड़ा गया है, 22 धाराओं को निरस्त किया है. वहीं भारतीय साक्ष्य अधिनियम जो Evidence Act को रिप्लेस करेगा, इसमें 167 के स्थान पर 170 धारा होगी. 23 धारा में बदलाव किया है, 1 नई धारा जोड़ी है, और 5 धाराओं को रद्द किया है.


अपराध पहले नई धारा
धोखाधड़ी धारा-420 धारा-316
भीड़भाड़-हंगामा धारा-144 धारा-187
देश के खिलाफ षड्यंत्र धारा-121 धारा-145
देश के खिलाफ गतिविधियां धारा-121ए धारा-146
आत्महत्या के लिए उकसाना धारा- 306 धारा- 106
रेप  धारा 376 धारा-63 में रेप, 64 में सजा, गैंगरेप 70 में
मानहानि सेक्शन 499 और 500 धारा-354
धरना प्रदर्शन या दंगा-फसाद  धारा 147,148,149 नया सेक्शन
निषेधाज्ञा के उल्लंघन पर सेक्शन 188 नया सेक्शन
राजद्रोह कानून धारा- 124 ए धारा-150
दहेज हत्या धारा 304बी 799


डिजिटल FIR दर्ज करा पाएंगे लोग
अब अपराध चाहे थाना क्षेत्र के अंदर में हुआ हो या फिर बाहर हुआ है, लोग डिजिटल एफआईआर दर्ज करा पाएंगे. एफआईआर होने के बाद 90 दिनों के अंदर अनिवार्य रुप से चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी.