Sharad pawar vs Himanta Biswa sarma: इजरायल और हमास की जंग का असर पूरी दुनिया पर साफ तौर पर देखा जा रहा है. कोई इजरायल का समर्थन कर रहा है, तो दूसरा फिलिस्तीन का. कुछ ऐसा ही इन दिनों भारत की राजनीति में भी चल रहा है. MP चुनाव की रैलियों में भी इसका जिक्र होने लगा है. इसी कड़ी में इजरायल के सर्मथन पर शरद पवार ने आपत्ति जताई थी, उन्हें अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जवाब दिया है.


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दरअसल हिमंत बिस्वा सरमा ने NCP प्रमुख शरद पवार की बेटी सांसद सुप्रिया सुले के बारे में बयान देते हुए कहा था कि क्या शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को गाजा पट्टी भेजेंगे? जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुमा आचार्य ने ग्वालियर में बयान दिया है.


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मनुवाद का प्रतीक
कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुमा आचार्य ने कहा है कि मैं देख रही हूं कि भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता हो असभ्यता उनका लाक्षणिक गुण होता जा रहा है. महिलाओं को दोयम दर्जे का वो सम्मान देते हैं. ये तो बहुत साफ दिखता है.  उन्होंने जो बयान दिया है, वो बिल्कुल मनुवाद का प्रतीक है. 


अनुमा आचार्य ने कहा कि यहां किसी महिला के उसकी इज्जत नहीं करना, उसकी अस्मिता के साथ इस तरह से उस पर प्रहार करना. मैं मानती हूं कि भारतीय जनता पार्टी के जितने भी नेता हैं, सबके मन में महिलाओं के प्रति इसी तरह की भावना है. दोयम दर्जे की मानसिकता है.


क्या कहा था शरद पवार ने  
दरअसल मुंबई में पार्टी राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जहां भारत के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में कड़ा रुख अपनाया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष में इजरायल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा था कि इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दा 'गंभीर और संवेदनशील' है और मुस्लिम देशों जैसे अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य के विचारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.


रिपोर्ट - प्रियांशु यादव