ISRO ने स्मॉल रॉकेट SSLV-D1 किया लॉन्च, प्रोग्रामिंग में भोपाल की छात्राएं भी थीं शामिल
अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से अपना पहला नया रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) D1 लॉन्च किया. भारत के लिए गर्व की बात ये है कि इस SSLV में Azaadi सैटेलाइट को भारत की बेटियों ने बनाया है.
भोपाल: देश आजादी का अमृतमहोत्व मना रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार सुबह 9.18 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से अपना पहला नया रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) D1 लॉन्च किया. इस रॉकेट के साथ ''आजादी सैटेलाइट'' को भी भेजा गया है. इस सैटेलाइट को 75 स्कूलों की 750 छात्राओं ने बनाया है. इसे डिजाइन करने वाली लड़कियां भी लॉन्चिंग के समय मौजूद थी.
75 स्कूल की 750 छात्राओं ने बनयाा आजादी सैट
भारत के लिए गर्व की बात ये है कि इस SSLV में Azaadi सैटेलाइट को भारत की बेटियों ने बनाया है. इस सैटेलाइट का वजन 7.5 किलोग्राम है. जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वालीं 75 स्कूल की 750 छात्राओं ने मिलकर तैयार किया है. आजादी के 75वे स्वतंत्रा दिवस पर मनाये जा रहे अमृत महोत्सव के लिए इन छात्राओं को जहां एक ओर 75 वर्ष को इंगित करता है, वहीं दूसरी ओर देश की नारी शक्ति और देश के भविष्य में बेटियों की भागीदारी को भी दर्शाता है.
भोपाल की छात्राएं भी शामिल
750 छात्राओं में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की 15 छात्राएं भी शामिल है. जसने देशभर में भोपाल का नाम रोशन किया है. श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले सैटेलाइट के इंस्ट्रूमेंट की प्रोग्रामिंग में भोपाल की छात्राएं भी शामिल थी. यह स्टूडेंट्स इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी और रोबोटिक टेक्नोलॉजी में माहिर हैं. इसी आधार पर इनका चयन हुआ था. एसएलवी 8 किलोग्राम का था. जिसे अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. जिससे जमीन की मैपिंग की जा सकेगी.
शिक्षकों ने की हमारी मदद
भोपाल की जो छात्राएं इस प्रोजेक्ट का हिस्सा थी. शायस्ता, नैंसी, निहारिका और प्रियंका ने कहा कि हम सभी को बहुत खुशी है कि हमने इसे तैयार किया है. हमें यकीन नहीं था कि हम कर पाएंगे लेकिन हो गया. हमारे शिक्षकों ने हमारी काफी मदद की है.