आकाश द्विवेदी/भोपालः मध्य प्रदेश सरकार के जेल विभाग ने आजीवन कारावास नीति में बड़ा बदलाव किया है. इन नए नियमों के मुताबिक प्रदेश में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अपराधियों को अब 14 साल नहीं बल्कि अपनी आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा. संशोधित नियमों के मुताबिक आतंकवाद, दुष्कर्म, ड्रग्स तस्करी, जहरीली शराब के निर्माता और विक्रेताओं को अब आजीवन कारावास की सजा मिलने पर आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा. अभी बुजुर्ग कैदियों को 12 साल के बाद रिहा कर दिया जाता है. 


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बता दें कि जेल नियमों में बदलाव के लिए 4 सदस्यों वाली टीम ने 10 राज्यों के जेल नियमों का अध्ययन करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की, जिसके आधार पर जेल नियमों में बदलाव किया गया है. अब दुर्दांत अपराधियों को सजा में छूट की पात्रता नहीं रहेगी. नए नियमों के मुताबिक बच्चों से रेप, दो बार रेप के दोषियों, टाडा, पोक्सो के दोषियों को सजा में कोई छूट नहीं मिलेगी. बता दें कि अभी तक अच्छे आचरण वाले अपराधियों को सजा में छूट देने का अधिकार राज्य सरकार के पास था.  


इससे पहले 10 जनवरी 2012 को जेल विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, जिन्हें अब नए निर्देश जारी होने के बाद निरस्त कर दिया गया है. नए नियमों के मुताबिक साज में छूट के पात्र बंदियों के नामों पर विचार करने के बाद उनके नाम जेल मुख्यालय भेजे जाएंगे. जेल मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद इन नामों को राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद कैदियों की समय से पूर्व रिहाई हो सकेगी.  


उल्लेखनयी है कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे 70 साल से अधिक उम्र के पुरुष बंदियों को 12 साल के बाद और 60 साल से ज्यादा की महिला बंदियों को 10 साल की सजा पूरी होने के बाद रिहा किया जा सकेगा.