झाबुआ: भाजपा के पूर्व विधि विभाग झाबुआ-अलीराजपुर प्रभारी ललित बंधवार मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में एक आवेदन लेकर पहुंचे. उन्होंने अपने प्लाट की रजिस्ट्री के मामले में राणापुर नगर परिषद के सीएमओ पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए है. वहीं सीएमओ ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.


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जानिए पूरा मामला
दरअसल ललित बंधवार ने बताया कि ''मुझे आवेदक के माता-पिता ने स्वयं के आधिपत्य की भूमि, जो मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 165 की धारा के अंतर्गत अनुमति प्राप्त कर खरीद की थी. यह रजिस्ट्री का निष्पादन होने के बाद खरीददार विकास जैन, हार्दिक जैन और नैना पति संतोष जैन सभी निवासी राणापुर ने भूमि का नामांतरण किए जाने के लिए नगर परिषद राणापुर में 6 माह पहले आवेदन दिया था. नामांतरण आवेदनों पर नगर परिषद राणापुर ने अपनी सामान्य सभा की मीटिंग में भी सहमति दर्शाते हुए, नामांतरण किए जाने में सहमति दे दी थी. लेकिन सहमति दिए जाने के चार माह बीत जाने पर भी इन नामांतरण प्रकरणों को नगर परिषद के सीएमओ संजय पाटीदार ने आज तक नामांतरण नहीं किया.


जब इस संबंध में नगर परिषद राणापुर सीएमओ संजय पाटीदार से नामांतरण नहीं किए जाने के संबंध में जानना चाहा तो सीएमओ ने यह कह दिया कि ये जमीन अवैध तरीके से खरीदी हुई है. मैंने सीएमओ राणापुर को बताया कि धारा 165 के अंतर्गत विधिवत रूप से अनुमति प्राप्त कर भूखंड विक्रय किए गए हैं तो सीएमओ ने उस दस्तावेजों को नहीं मानते हुए नामांतरण नहीं किए जाने की बात कही. जब मैंने कागजात दिखाए गए तो सीएमओ पाटीदार ने कहा गांधी छाप कागज लाओ तो देखते हैं. 


75 हजार रुपये की मांगी रिश्वत 
वहीं ललित बंधवार ने बताया कि जब मैंने उनसे गांधी छाप कागज के बारे में पूछा तो सीएमओ संजय पाटीदार ने प्रत्येक नामांतरण के लिए 25,000 के हिसाब से तीन प्रकरणों के 75,000 रुपए की मांग की. जब मैंने रुपये देने से मना किया तो सीएमओ ने मुझसे कहा गया कि आपका नामांतरण के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से बात करुंगा, अगर कुछ कमी पाई गई तो रजिस्ट्री निरस्त की कार्रवाई की जाएगी. 


नगर परिषद सीएमओ ने क्या कहा?
वहीं इस मामले में राणापुर नगर परिषद सीएमओ संजय पाटीदार का कहना हैं कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे गलत है. उन्होंने किसी से भी पैसे नहीं मांगे है. यह प्रकरण हमें कॉलोनी एक्ट के तहत लग रहा है. जिनके दस्तावेज उनके द्वारा नहीं दिए गए. जिसके चलते यह प्रकरण में देरी हो रही है और वरिष्ठ अधिकारियों से सुझाव मांगे गए है.


रिपोर्ट - उमेश चौहान