उमेश चौहान/झाबुआ: झाबुआ एक आदिवासी बहुल जिला है. लेकिन यहां के आदिवासियों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण झाबुआ का आदिवासी समुदाय आज मजदूरी करने के लिए गुजरात की ओर पलायन कर जाता है. ताजा मामला झाबुआ जिले के पिटोल का है. यहां के आदिवासी मजदूरी करने के लिए गुजरात जा रहे थे, तभी गुजरात के ढोलका में डंपर और बोलेरो गाड़ी के बीच जोरदार टक्कर हो गई. इससे बिलवाल परिवार के पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.


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सभी लोग मजदूरी करने गुजरात जा रहे थे
बताया जा रहा है कि बिलवाल परिवार के सभी सदस्य झाबुआ के घाटिया से गुजरात के नागनेश राणपुर काम करने जा रहे थे, तभी एक भारी डंपर की बोलेरो से टक्कर हो गई. इससे पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. घायलों का दाहोद के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. हादसा इतना भीषण था कि बोलेरो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई.


गांवों में पसरा मातम
इस हादसे के बाद परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है. मंगलवार देर रात मृतकों के शव गांव लाए गए. घाटीया व पीपलीपाडा गांव में लोगों की भीड़ लगी रही. जानकारी के अनुसार सोमवार शाम ग्राम घाटीया व पीपलीपाड़ा के लोग मजदूरी के सिलसिले में अहमदाबाद जा रहे थे. तभी मंगलवार सुबह अहमदाबाद के समीप ग्राम धोकला में सड़क किनारे खड़े एक डंपर से बोलेरो जिप जा टकराई. हादसे में नितेश पुत्र नानसिंह बिलवाल, दिलीप पुत्र नानसिंह बिलवाला, प्रमोद पुत्र भारत बिलवाल, राहुल पुत्र धुमसिंह बिलवाल, चारों निवासी घाटीया और पायचंद भूरिया निवासी पीपलीपाडा की मौत हो गई. वहीं मनीषा व रामेश्वर घायल हुए है.


बता दें कि परिवार का मुखिया अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर मजदूरी करने चला जाता है और हादसे का शिकार हो जाता है. लेकिन इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी शासन प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या जन प्रतिनिधि नहीं पहुंचा.