प्रदीप शर्मा/भिंड : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक तस्वीर ने भिंड के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है.तस्वीर में केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी एक ही मंच पर नजर आ रहे हैं. बता दें कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया के करीबी रहे मेहगांव के पूर्व विधायक स्वर्गीय हरि सिंह नरवरिया की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर दोनों को एक ही मंच पर देखा गया.


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दरअसल, 15 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक दिवसीय भिंड दौरा था. जिसमें 65 करोड़ की बिजली परियोजनाओं का उद्घाटन होना था. इसी बीच में सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया के करीबी रहे पूर्व विधायक हरि सिंह नरवरिया की प्रतिमा का उनके गृह गांव सेंपुरा में अनावरण करने बीजेपी नेता पहुंचे थे. उसी कार्यक्रम में हरि सिंह की बेटे द्वारा पिता के करीबी रहे चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को आमंत्रित किया गया था. उसी कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया और चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने एक मंच साझा करते हुए हरि सिंह की बेटे को पिता की विरासत को संभालने की बात करते-करते ज्योतिरादित्य सिंधिया की तारीफ में कसीदे गढ़ते नजर आए. 


'कोई "सवाल" इस संबंध में नहीं बनता है'
चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने मंच से बोलते हुए कहा कि एक पीढ़ी लग जाती है नाम करने और कमाने में बच्चा वहीं अच्छा है. जो पिता की विरासत संभाल लें. स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के सुपुत्र ने देश में क्या नाम किया है हिंदुस्तान में, हमें सीख लेनी चाहिए. जिसके पिता काबिल हैं उसके बच्चे को भी मेहनत करके आगे बढ़ना चाहिए. ज्योतिरादित्य सिंधिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपका और हरी सिंह नरवरिया का पारिवारिक संबंध रहा है. आप इस बच्चे को ना भूल जाए. इस बात की सिंधिया से इंतजा और गुजारिश मंच से चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने की. हालांकि, जब इस संबंध में चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी से फोन पर बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि 1990 में उनके साथ विधायक रहे हरि सिंह नरवरिया की प्रतिमा अनावरण का उनके बेटे ने निमंत्रण दिया था. जिसमें वह पहुंचे थे वह किसी पार्टी का मंच नहीं था ..... कोई "सवाल" इस संबंध में नहीं बनता है.


बता दें कि 2013 चुनाव से पहले उपनेता प्रतिपक्ष रहे चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने विधानसभा में कांग्रेस पार्टी द्वारा भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ ही सदन में बोलने के बाद कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन भाजपा मोह भी चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को ज्यादा रास नहीं आया और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए. गौरतलब है कि इसके बाद खुद सिंधिया गुना से लोकसभा चुनाव हारने के कुछ ही दिन बाद कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली. हालांकि चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी अभी भी कांग्रेस में ही है, लेकिन 15 अप्रैल को एक ही मंच पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी का पहुंचना सियासी हलकों में सवाल खड़े कर रहा है.