इंदौर। मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों दो दिग्गज नेताओं की जुगलबंदी चर्चा का विषय बनी हुई है. चर्चा इसलिए भी हैं कि क्योंकि दोनों का सियासी रुतबा मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक है. यही वजह है कि कभी सियासी धुर विरोधी रहे इन दोनों नेताओं की जुगलबंदी अब प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हम बात कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की, जहां इंदौर में दोनों नेताओं के बीच एक बार फिर गर्मजोशी दिखी. दोनों नेता MPCA के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. 


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सिंधिया ने थामा विजयवर्गीय का हाथ
दरअसल, कुछ दिन पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में अपने बेटे के साथ कैलाश विजयवर्गीय के घर पहुंचे थे, जहां उन्होंने भोजन भी किया था. तब भी दोनों नेताओं को बीच गर्मजोशी देखने को मिली थी, जबकि अब इंदौर में मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोशिएसन MPCA के एनुअल अवॉर्ड फंक्शन में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. कार्यक्रम के दौरान कैलाश विजयवर्गीय मंच के सामने पहली कतार में मंत्रियों के साथ बैठे हुए थे. 


जैसे ही सिंधिया मंच पर पहुंचे और उन्होंने विजयवर्गीय को नीचे बैठा देखा तो वह तुरंत मंच से उतरकर नीचे आए और विजयवर्गीय का हाथ पकड़कर उन्हें तुरंत मंच पर ले गए और उन्हें अपने साथ बैठाया. विजयवर्गीय को मंच तक ले जाने और बैठाने के दौरान पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा. 


एमपी ने पहली बार जीती रणजी ट्रॉफी 
बता दें कि 2 माह पहले मध्य प्रदेश की रणजी क्रिकेट टीम ने 41 सालों के सफर के दौरान पहली बार रणजी ट्रॉफी पर कब्जा किया. एमपी ने मुंबई टीम को हराकर कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा था. जिसके चलते एमपीसीए द्वारा सभी खिलाड़ियों को ढाई करोड़ की धनराशि देने का निर्णय लिया गया था. शनिवार को एमपीसीए के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर पहुंचे थे, जहां उन्होंने विजयवर्गीय के साथ मिलकर खिलाड़ियों को पुरुस्कार दिए. 


विजयवर्गीय के घर पहुंचे थे सिंधिया 
इससे पहले 22 अगस्त को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे महाआर्यमन सिंधिया के साथ इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय के घर पहुंचे थे, जहां दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी दिखी थी. सिंधिया काफी देर तक विजयवर्गीय के घर रुके, सिंधिया ने कहा की आज विजयवर्गीय जी से पारिवारिक मुलाकात हुई है, उन्होंने बीजेपी के आम कार्यकर्ता के तौर पर जो बीड़ा उठाया है, उसमें वह विजयवर्गीय के मार्गदर्शन में वह काम करते रहेंगे और उनके साथ मिलकर एक नई उमंग और नए जोश के साथ काम करेंगे. 


MPCA में दोनों में थी वर्चस्व की लड़ाई 
दरअसल, उस वक्त सिंधिया के इसी बयान की प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है. क्योंकि कभी कांग्रेस में रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया विजयवर्गीय के धुर विरोधी माने जाते थे, इसके अलावा मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोशिएसन में भी दोनों नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई देखी जाती थी. लेकिन अब एक बार फिर दोनों की मुलाकात भले ही सामान्य हो लेकिन दिग्गजों की इस मुलाकात से प्रदेश का सियासी पारा तो गर्माया ही है. खास बात यह है कि जिस MPCA की वजह से दोनों में कभी वर्चस्व की लड़ाई थी, अब उसी MPCA में दोनों  की दोस्ती की नई इबारत लिखी जाती दिख रही है.