Jyotiraditya Scindia Mother: लंबे समय से बीमार चल रही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का आज दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. बीमार होने की वजह से वह लंबे समय से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थी. बताया जा रहा है कि कल ग्वालियर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. माधवी राजे सिंधिया को सिंधिया परिवार की राजमाता कहा जाता था. 


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ग्वालियर में होगा अंतिम संस्कार 


ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार कल ग्वालियर में सुबह 11 बजे किया जाएगा. उनके अंतिम संस्कार में लोगों की भारी भीड़ जुट सकती है. वह 70 साल की थी और बीमार होने की वजह से पिछले तीन महीने से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थी. सार्वजनिक तौर वह आखिरी बार पीएम मोदी से मुलाकात के साथ समय नजर आई थी. दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पूरे परिवार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान माधवी राजे सिंधिया भी मौजूद रही थी. 


राजमाता कहलाती थी माधवी राजे सिंधिया 


अपनी सास राजमाता विजयाराजे सिंधिया के निधन के बाद सिंधिया परिवार में राजमाता की जिम्मेदारी माधवी राजे सिंधिया को मिली थी. हालांकि वह अपने परिवार के दूसरे सदस्यों की तरह कभी राजनीति में एक्टिव नहीं रही. लेकिन बेटे और पति के चुनाव प्रचार में वह जरूर नजर आती थी. हाल ही में चुनाव के दौरान भी उनकी कई बार ज्यादा तबियत बिगड़ गई थी, जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी पत्नी प्रियदर्शनी सिंधिया भी प्रचार छोड़कर दिल्ली पहुंचे थे. 


नेपाल राजघराने से था संबंध 


ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का संबंध नेपाल राजघराने से था. 1966 में उनका विवाह पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया से हुआ था. माधवी राजे सिंधिया के दादा जुद्ध शमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री थे, 1966 में उनकी और माधवराव सिंधिया की शादी पूरे भारत में चर्चा में रही थी. पहले उनका नाम किरण राजलक्ष्मी था. लेकिन सिंधिया परिवार में आने के बाद उनका नाम माधवी राजे सिंधिया हो गया था. मराठी परंपरा के अनुसार उनका नाम बदला गया था. 


2001 में हुआ था पति का निधन 


माधवी राजे सिंधिया के पति और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया का निधन 30 सितंबर 2001 में हुआ था. उसके बाद वह ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में उतरे थे, जहां उनकी मां ने हर कदम पर एक तरह से उनका साथ दिया था. बताया जाता है कि ज्योतिरादित्य अपने हर बड़े फैसले में अपनी मां की सलाह जरूर लेते थे. 2020 में जब वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, तब उनके इस निर्णय में उनकी मां का भी समर्थन रहा था. 


सिंधिया परिवार में अहम भूमिका 


बताया जाता है कि माधवी राजे सिंधिया की शादी के बाद से ही परिवार में अहम भूमिका रही है. माना जाता है कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद माधव राव सिंधिया और उनकी माता विजयाराजे सिंधिया के बीच कुछ मनमुटाव हुआ था, तब माधवी राजे सिंधिया ने दोनों के बीच पुल का काम किया था. भले ही माधवराव सिंधिया और राजमाता विजयाराजे सिंधिया के बीच मनमुटाव की खबरें आती रही. लेकिन माधवी राजे सिंधिया और राजमाता विजया राजे सिंधिया यानि दोनों सास बहू के बीच संबंध हमेशा मजबूत रहे थे. 


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