ग्वालियर: विधानसभा उपचुनाव में हारने वाली पूर्व मंत्री और कट्टर सिंधिया समर्थक इमरती देवी (imarti devi) का दर्द फिर छलक गया. उन्होंने कहा कि चुनाव में मैं नहीं, बल्कि जनता हारी है. मेरे पास तो ग्वालियर-भोपाल में सरकारी बंगला और गाड़ी है. मंत्री का दर्जा भी है, लेकिन डबरा का विकास थम गया है.


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बता दें कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके लिए भाजपा (BJP) मध्यप्रदेश में विकास यात्रा निकाल रही है और पार्टी के नेता व कार्यकर्ता अपने - अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर जनता को सीएम शिवराज (CM Shivraj) सरकार के विकास और योजनाओं के बारे में बता रही है. इसी विकास यात्रा के दौरान इमरती देवी (Imrati Devi) डबरा (dabra) में जनता को हारा हुआ बताया है.


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जनता हारी, मैं तो जीती हूं -इमरती देवी
बता दें कि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कट्टर समर्थक माने जाने वाली पूर्व मंत्री इमरती देवी एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं. इन दिनों इमरती देवी डबरा विधानसभा क्षेत्र में विकास यात्रा के जरिए घर -घर पहुंच रही हैं. इसी विकास यात्रा के दौरान इमरती देवी ने कहा कि चुनाव मैं नहीं हारी बल्कि डबरा की जनता हारी हैं. इसी विकास यात्रा में इमरती देवी मंच से कह रही हैं. चुनाव हारने से मेरा क्या बिगड़ा है मेरे पास तो गाड़ी है बंगला है. ग्वालियर से लेकर भोपाल तक सरकारी बंगला और सभी सुख सविधाएं हैं. 


"हारने से मेरा क्या बिगड़ा"
बता दें इमरती देवी विकास यात्रा के मंच से कहती हैं कि हारने से मेरा क्या बिगड़ा. मेरे पास सरकारी गाड़ी बंगला सब है, हारी तो जनता है, चुनाव मैं नहीं बल्कि डबरा की जनता हारी हैं. इसके बाद इमरती देवी यही नहीं रुकी और कहा में सेल्फ स्टार्ट हूं, आगे कहा इमरती देवी खुद निर्णय लेती है क्योंकि मैं सेल्फ स्टार्ट हूं किसी के कहने से काम नहीं करती. मुझे जो करना है वह करके रहती हूं.


उपचुनाव में अपने समधी हारी थीं
गौरतलब है इमरती देवी ने 2018 का विधानसभा चुनाव ग्वालियर की डबरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीता था. लेकिन 2020 में वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गई. फिर जब उपचुनाव हुए तो इमरती देवी बीजेपी के टिकट पर दोबारा चुनाव लड़ने उतरीं. वहीं कांग्रेस ने समधी सुरेश राजे को अपना प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में इमरती 7568 वोटों से हार गई.