कांग्रेस ने सिंधिया को बोला धर्म का ठेकेदार, बताया कावड़ उठाने का सही तरीका
मध्य प्रदेश की राजनीति में कई तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. लंबे समय से महाराजा वाले रौब से अलग सिंधिया आमजन के बीच सड़कों पर उतरे दिखते हैं. दूसरी तरफ उनका पहला घर कही जानी वाली कांग्रेस उनके इस बदले अंदाज पर तंज कसने का एक भी मौका नहीं छोड़ती है.
Jyotiradiya Scindiya: मध्य प्रदेश की राजनीति में कई तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. लंबे समय से महाराजा वाले रौब से अलग सिंधिया आमजन के बीच सड़कों पर उतरे दिखते हैं. दूसरी तरफ उनका पहला घर कही जानी वाली कांग्रेस उनके इस बदले अंदाज पर तंज कसने का एक भी मौका नहीं छोड़ती है. सावन के चौथे सोमवार के दिन सिंधिया कंधे पर कावड़ लिए दिखाई दिए. उन्होंने कुछ तस्वीरें एक्स पर शेयर की, जिसके कुछ घंटे बाद कांग्रेस ने सिंधिया को सीख देते हुए कहा कि इन्हें इतना तक नहीं पता कि कावड़ी बिना जूते चप्पल पहने उठाया जाता है.
कांग्रेस की सीख, कावड़ जूते पहनकर नहीं उठाई जाती
सिंधिया ने अपने एक्स अकाउंट पर कुछ फोटोज और वीडियोज शेयर किए और साथ में कैप्शन में लिखा... बम-बम भोले! आज, सावन के चौथे सोमवार के अवसर पर गुना में आयोजित कांवड़ यात्रा समापन समारोह में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भोलेनाथ हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखें, यही प्रार्थना है. इसके कुछ घंटे बाद के के मिश्रा ने इन वीडियोज और फोटोज को शेयर करते हुए लंबा चौड़ा ज्ञान दिया. उन्होंने लिखा केंद्रीय मंत्री सिंधिया जी, यूं तो धर्म के कथित ठेकेदारों के कुनबे में ही शामिल हैं, प्रचारवादी रक्त भी है, किंतु विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के कारण यह ज्ञान अर्जित नहीं कर पाये कि अपने मज़बूत (?) कंधों से उठाई जाने वाली पवित्र कावड़ जूते पहनकर नहीं उठाई जाती है. मिश्रा ने सिंधिया को सीख देते हुए कहा अपने संसदीय क्षेत्र “गुना” में वे जूते पहनकर कावड़ उठाने का “गुनाह” कर बैठे. किसी भी चरणचुंबक ने उन्हें रोकने-टोकने का दुःसाहस भी नहीं किया, शायद इसलिए कि वे “भगवान” के कुनबे के ही मंत्री जो हैं. आश्चर्य तो यह है कि “तनातनी से वोटों की जुगाड़ में विश्वास रखने वाले कथित सनातनी भी हुए मुकबधिर.
मध्य प्रदेश में 2 सीटों पर उप चुनाव होने हैं
आश्चर्य की बात ये है कि उनके इस ज्ञान पर कई घंटों तक किसी ने कोई कमेंट नहीं किया. काफी देर बाद एक कमेंट आया. इससे ये बात समझ आती है कि जनता भी धर्म पर इस तरह का राजनीतिक बयानों से परेशान हो चुकी है. कांग्रेस हो या बीजेपी राजनीति चमकाने के लिए घर्म की आड़ लेना जनता को रास नहीं आता.
बता दें मध्य प्रदेश में जल्द ही दो सीटों पर उप चुनाव होने है, जिसमें से एक को लेकर तारीख का ऐलान भी हो चुका है.