MP Election: इस नेता ने छोड़ा सिंधिया का साथ, बीजेपी को बड़ा झटका, बताई कांग्रेस में वापसी की वजह
MP Assembly election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक और समर्थन ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है.
Madhya Pradesh Assembly election 2023/प्रिया पांडेय: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले दल बदल का दौर शुरू हो चुका है. असंतुष्ट नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं. हाल ही में कई बीजेपी नेताओं ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है. गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक शिवपुरी के बड़े नेता रघुराज धाकड़ ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है. अब वे फिर से कांग्रेस में शामिल होंगे.
रघुराज धाकड़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में गुरुवार को कांग्रेस की सदस्यता लेंगे. धाकड़ शिवपुरी के कोलारस विधानसभा से बड़े चेहरे माने जाते हैं. 200 गाड़ियों के काफिले के साथ हुए धाकड़ कमलनाथ के निवास पहुंचे. राकेश गुप्ता और बैजनाथ यादव के बाद रघुराज सिंह कांग्रेस में शामिल होने वाले क्षेत्र के तीसरा बड़ा नाम होगा.
कांग्रेस में क्यों हो रही वापसी?
कांग्रेस में शामिल होने पर धाकड़ ने कहा, 'हमेशा से ही कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित रहा हूं. जैसे बड़ा विस्फोट होने पर सब तितर-बितर हो जाता है वैसे ही हमारी सरकार गिरने के बाद लोग इधर-उधर हो गए थे. हमने केवल कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. हम आज तक कभी किसी के दरवाजे पर नहीं गए. 32 साल से मैंने कांग्रेस में सेवा की है. हमारे क्षेत्र में ज्यादातर विधायक कांग्रेस का ही रहा है. इस बार भी हम यही प्रतिज्ञा ले रहे हैं कि कांग्रेस का है विधायक बनाएंगे. टिकट चाहे जिसे मिले मिलकर कांग्रेस विधायक बनाने का प्रयास रहेगा.
चुनाव से पहले कुनबा बढ़ा रही कांग्रेस
चुनाव से पहले कांग्रेस अपना कुनबा बढ़ाने में लगी हुई है. कुछ दिन पहले कांग्रेस ने भाजपा को बड़ा झटका देथे हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) और मंत्र गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) के गढ़ में सेंधमारी है. कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के क्षेत्र के दो दिग्गजों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है. एक नेता दतिया के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री अवधेश नायक और दूसरी सुरखी के राजकुमार धनौरा हैं. दोनों को ही भार्गव और मिश्रा काट के तौर पर देखा जा रहा है.