Kalapipal Vidhan Sabha Seat: कालापीपल सीट पर कांग्रेस की ये बड़ी परेशानी, पलटवार के मूड में BJP
Kalapipal Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की कालापीपल विधानसभा सीट (Kalapipal Seat Analysis) पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है. इस बार यहां का क्या समीकरण होगा और इस सीट का क्या इतिहास है यहां जानें.
Kalapipal Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल एक-एक विधानसभा सीट पर तैयारियों में जुटे हैं. इसी कड़ी में शाजापुर जिले की कालापीपल विधानसभा सीट पर सभी की निगाहें हैं. इसका एक कारण ये भी है कि यहां से राहुल गांधी ने MP में चुनाव प्रचार की शुरुआत की है. शाजापुर जिले की कालापीपल सीट पर कांग्रेस का कब्जा हैं, यहां से कुणाल चौधरी विधायक हैं.
कालापीपल सीट का जातीय समीकरण
कालापीपल विधानसभा सीट पर खाती समाज का खासा दबदबा माना जाता है. यहां पर करीब 32 हजार खाती वोटर्स हैं. इसके अलावा मेवाड़ समाज के करीब 18 हजार वोटर्स हैं, तो वहीं परमार समाज के करीब 16 हजार वोटर्स इस क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं.
कुल मतदाता -1,93,771
पुरुष मतदाता - 1,02,163
महिला मतदाता - 91,607
कालापीपल सीट राजनीतिक इतिहास
कालापीपल सीट के राजनीतिक इतिहास की बात की जाए तो ये सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी. ये सीट पहले शुजालपुर सीट के तहत आती थी, लेकिन 2008 में कालापीपल को विधानसभा सीट बना दी गई. अब तक यहां हुए बीते तीन चुनाव में 2 में बीजेपी को जीत मिली है. जबकि एक बार कांग्रेस को मौका मिला है.
साल 2008 को हुए चुनाव में यहां से बीजेपी के बाबूलाल वर्मा ने कांग्रेस के सरोज मनोरंजन सिंह को करीब 13 हजार वोटों से हराया. वहीं 2013 के चुनाव में बीजेपी ने इंदरसिंह परमार को मैदान में उतारा, उन्होंने कांग्रेस के केदार सिंह मंडलोई को करीब 9 हजार वोटों से हराया.
साल 2018 में कैसा रहा इस सीट का नतीजा
वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो इस सीट पर कांग्रेस ने कुणाल चौधरी को टिकट दिया तो वहीं बीजेपी ने पूर्व विधायक बाबूलाल वर्मा को मैदान में उतारा था. कांग्रेस के कुणाल को 86,249 वोट मिले, जबकि बाबूलाल के खाते में करीब 72,550 वोट आए. इस तरह कुणाल ने 13,699 वोटों से जीत हासिल कर ली. हालांकि अब देखना होगा कि कांग्रेस पिछली बार की तरह कमाल दिखा पाती है या नहीं. क्योंकि जिला पंचायत के पूर्व सदस्य चतुर्भुज तोमर ने कांग्रेस से बगावत कर यहां से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.