भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय किया है. अब तक जो स्थिति सामने आई है, उसमें पिछड़ा वर्ग को मुश्किल से 9 से 10 प्रतिशत आरक्षण मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. जबकि 1993 के पंचायत चुनाव अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है कि यदि किसी जगह पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी 50% से कम है तो वहां ओबीसी को 25% आरक्षण दिया जाएगा.


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किसे मिलेगा टिकट
नगर निगम और नगर पालिका चुनाव में विधायकों को भी प्रत्याशी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विधायक को या अन्य किसी भी व्यक्ति को इस आधार पर टिकट दिया जाएगा कि वह सर्वश्रेष्ठ प्रत्याशी है और चुनाव जीत सकता है.


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शिवराज सरकार के रवैया ओबीसी विरोधी
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार का रवैया पूरी तरह ओबीसी विरोधी रहा है. उन्होंने याद दिलाया कि ओबीसी आरक्षण का जो प्रस्ताव विधानसभा में पास हुआ था, वह कांग्रेस पार्टी के दबाव में पास किया गया था. शिवराज सरकार की मंशा उस प्रस्ताव को पास करने की नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट मांग की थी कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए और उसमें पंचायत चुनाव में ओबीसी के आरक्षण के लिए संविधान संशोधन का प्रस्ताव पास किया जाए.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ लेना गलत
कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ लेना गलत है. क्योंकि न्यायालय कानून के अनुसार काम करता है और जब आवश्यकता संविधान और कानून में बदलाव की होती है तो उसे विधायिका ही कर सकती है.


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नेता प्रतिपक्ष को मिले सुरक्षा
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने हाल ही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है. इस प्रश्न पर कमलनाथ ने कहा कि कानून के मुताबिक जो सुरक्षा नेता प्रतिपक्ष को मिलनी चाहिए वह सुरक्षा गोविंद सिंह को दी जाए.


बिना नदी के पुल बना सकते हैं शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बच्चों के लिए गए की गई कुछ घोषणाओं के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान घोषणा करने में माहिर है. उनकी घोषणाओं पर व्यंग्य करते हुए कमलनाथ ने कहा कि जहां नदी नहीं है शिवराज सिंह चौहान वहां भी पुल बनाने की घोषणा कर सकते हैं.


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विवेक तन्खा को क्यों बनाया राज्य सभा का प्रत्याशी
विवेक तन्खा को राज्यसभा का कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि विवेक तंखा कांग्रेस पार्टी के प्रतिबद्ध नेता हैं. वह मध्य प्रदेश के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल रहे हैं. कांग्रेस पार्टी में परंपरा है कि किसी व्यक्ति को दो बार राज्यसभा का सदस्य बनाया जाता है. उसी परंपरा का पालन करते हुए तन्खा को दोबारा राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया गया है.


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