प्रमोद शर्मा/भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस एक तरफ 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में टूट भी हो रही है. बुंदेलखंड अंचल में कांग्रेस के कद्दावर नेता और कमलनाथ के बेहद करीबा नेता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा कमलनाथ को भेज दिया है. बता दें कि फिलहाल यह पूर्व विधायक पार्टी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. इस नेता ने प्रदेश कांग्रेस पार्टी पर अपने आपको साइड लाइन और क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ खराब बर्ताव करने का आरोप लगाया है. 


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कमलनाथ के करीबी अरुणोदय चौबे ने दिया इस्तीफा 
दरअसल, सागर जिलें की खुरई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुणोदय चौबे ने पार्टी के सभी दायित्व और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर पार्टी की सदस्यता छोड़ने की जानकारी भेजी है, बता दें कि अरुणोदय चौबे बुंदेलखंड अंचल में कांग्रेस पार्टी के सबसे मजबूत नेताओं में से एक माने जाते रहे हैं, उन्होंने प्रदेश कांग्रेस पार्टी पर अपने आपको साइड लाइन और खुरई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ खराब बर्ताव का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि वह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.



कौन हैं अरुणोदय चौबे 
अरुणोदय चौबे सागर जिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं, उन्होंने 2008 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता था. हालांकि पिछले दो चुनावों से उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल खुरई नगर पालिका में निकाय चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में अरुणोदय चौबे का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि अगर वह बीजेपी में शामिल होते हैं तो उनके समर्थकों को बीजेपी टिकट दे सकती है. 


बीजेपी विधायक का बड़ा दावा 
कांग्रेस के पूर्व विधायक के पार्टी छोड़ने के बीच बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने भी बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि एमपी में कांग्रेस पार्टी के विधायक और नेता बीजेपी में आने के लिए कतार में खड़े हैं, मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष सहित पार्टी संगठन जल्दी ही उनको पार्टी में लेने पर फैसला करेगा. रामपाल सिंह ने कहा कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं संपर्क के चलते ही राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने क्रॉस वोट किया था. क्योंकि कांग्रेस पार्टी में कोई रहना नहीं चाहता है, कांग्रेस पार्टी में कांग्रेस नेताओं को अपना भविष्य नहीं दिख रहा है. कमलनाथ के 2023 में वापसी के दावे को लेकर रामपाल सिंह ने कहा वह पार्टी को जोड़ने के लिए इस तरीके के बयान दे रहे हैं पर अब उनके साथ कोई नहीं रहना चाहता है. बता दें कि 2020 में सत्ता परिवर्तन के दौरान रामपाल सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उनकी गिनती सीएम के सबसे करीबी चेहरों में होती है. 


कांग्रेस ने किया पलटवार 
वहीं बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के कांग्रेस विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने के दावे और जल्दी पार्टी में लेने के फैसले पर कांग्रेस ने पलटवार किया है, कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह ने कहा जिनको जाना था वह चले गए जिनको जाना होगा उन्हें कौन रोक लेगा. लेकिन बीजेपी में 4-4 मुख्यमंत्री हैं कांग्रेस पार्टी में एक ही चेहरा है सिर्फ कमलनाथ, अब कांग्रेस पार्टी को कोई छोड़कर नहीं जाएगा, जितनी टूट होनी थी वह चुकी अब अंतर्कलह की भरमार बीजेपी में है.