Kargil Vijay Diwas 2024: साल 1999 में 83 दिनों तक भारतीय वीर सपूतों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के साथ जंग की थी. कारगिल में हुए इस युद्ध को आज 25 साल हो चुके हैं, लेकिन उसकी यादें आज भी लोगों के मन में ताजा हैं. भारतीय वीरों की जाबांजी के आगे पाकिस्तानी घुसपैठियों ने घुटने टेक दिए थे. वीरों की इस शौर्य गाथा में मध्य प्रदेश का नाम भी जुड़ा हुआ है. एमपी के गोला-बारूद ने कारगिल में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे. इस युद्ध में मध्य प्रदेश के तीन जवान शहीद हुए, जिनकी कहानी आज भी युवाओं में जोश भरती है. 


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कारगिल विजय दिवस 2024
पूरा देश आज कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती मना रहा है. अपने शौर्य और साहस के साथ भारतीय सेना द्वारा भारत में घुसे पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़े पूरे 25 साल हो गए हैं. 


MP के इन वीर सपूतों ने छुड़ा दिए थे छक्के
कारगिल की लड़ाई में मध्य प्रदेश के भिंड जिले के तीन जवान शहीद हुए थे. द्वितीय बटालियन राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट के इन वीर सपूतों ने अपने साहस से घुसपैठियों के छक्के छुड़ा दिए थे. भिंड के रहने वाले और कारगिल वॉर के हीरो सुल्तान सिंह नरवरिया, लांस नायक करन सिंह और ग्रेनेडियर दिनेश सिंह भदोरिया की शहादत को लोग आज भी याद करते हैं.


हवलदार सुल्तान सिंह नरवरिया
तीय बटालियन राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट के हवलदार सुल्तान सिंह नरवरिया 'ऑपरेशन विजय' का हिस्सा थे. भिंड जिले के रहने वाले सुल्तान भगवान राम के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे. कई गोलियां खाने के बाद भी वे आगे बढ़ते रहे और करीब 10 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर किया. उन्होंने हार नहीं मानी और तोलोलिंग चोटी पर 'तिरंगा' फहराकर ही दम लिया. साल  2002 में उनके शौर्य के लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा गया. 


लांस नायक करन सिंह
भिंड जिले के सगरा गांव के रहने वाले योद्धा लांस नायक करन सिंह भी कारगिल के युद्ध में शहीद हो गए थे. वॉर के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी घुसपैठियों को करारा जवाब दिया. 16 नवंबर 1999 को घुसपैठियों के साथ कारगिल में हुई मुठभेड़ में वे शहीद हो गए. जाबांज करन सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया. 


शहीद ग्रेनेडियर दिनेश सिंह भदोरिया
इस युद्ध में भिंड के रहने वाले एक और जवान ग्रेनेडियर दिनेश सिंह भदोरिया भी शहीद हुए. 31 जुलाई 2000 को  कारगिल में घुसपैठियों के साथ मुठभेड़ में वे शहीद हो गए. भारत सरकार द्वारा MP के इस वीर सपूत को भी मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया. 


गर्व करता है MP
मध्य प्रदेश के इन वीर सपूतों की शहादत पर न सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरा देश आज भी गर्व करता है. अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले इन सपूतों की शहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. 


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मध्य प्रदेश के गोला-बारूद ने तोड़ा था दुश्मन का घमंड
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में बनने वाले बम, गोला और बारूद ने कारगिल युद्ध में दुश्मनों का घमंड तोड़ दिया था. आयुध निर्माणी खमरिया, वीकल फैक्ट्री जबलपुर , गन कैरिज फैक्ट्री और ग्रे आयरन फाउंड्री (ऑर्डिनेंस फैक्ट्री) में गोला, बम, बारूद,तोप, टैंक आदि का निर्माण होता है. 1999 में हुए कारगिल युद्ध में यहीं से रेल और सड़क मार्ग के जरिए गोला-बारूद सप्लाई किया जाता था. 


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