khandwa News: सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद कलेक्टर ने उठाया कदम, तेल कंपनियों पर होगी कार्रवाई
MP News: खंडवा में कलेक्टर के निर्देश के बाद मोरटक्का पुल के पास पेट्रोल-डीजल के टैंकर रोक दिए गए. कलेक्टर के निर्देश के बाद जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने यह कार्रवाई की.
khandwa News: खंडवा में तेल कंपनियों की मनमानी पर कलेक्टर ने शिकंजा कस दिया है. कलेक्टर के निर्देश के बाद पेट्रोल और डीजल टैंकरों को मोरटक्का पुल के पास रोक दिया गया. यह कार्रवाई जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने की. दरअसल खंडवा और बुरहानपुर में परिवहन लागत बढ़ने के कारण पेट्रोल पंप कंपनियां प्रति लीटर करीब डेढ़ रुपए ज्यादा वसूल रही थीं. वे डीजल-पेट्रोल वाहनों को खरगोन के रास्ते आना बताकर यह कीमत वसूल रहे थे. जबकि सभी वाहन मोरटक्का पुल से निकल रहे हैं.
कलेक्टर ने पकड़ी चालाकी
आज कलेक्टर ने उनकी चाल पकड़ ली. कलेक्टर ने तेल कंपनियों के अधिकारियों को बुलाया है, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही खंडवा में तेल की बढ़ती कीमतें कम हो जाएंगी.
बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुआ मोरटक्का ब्रिज
बता दें कि लगभग 6 महीने पहले नर्मदा नदी में बाढ़ आने की वजह से इंदौर हाईवे का मोरटक्का ब्रिज क्षतिग्रस्त हुआ था. एक पिलर में दरार आने की वजह से भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगवा दी. इस कारण डीजल-पेट्रोल के टैंकर खलघाट होकर खंडवा आने लगे. हालांकि विशेषज्ञ इंजीनियरों से जांच करवाने के बाद इसे 20 टन तक भारी वाहनों के लिए खोल दिया गया.
वसूले जा रहे ज्यादा पैसे
पुल पर यातायात बंद होने के दौरान तेल कंपनियों के पेट्रोल-डीजल टैंकर खलघाट खरगोन होते हुए खंडवा और बुरहानपुर पहुंच रहे थे. इसीलिए खंडवा और बुरहानपुर में आधिकारिक तौर पर करीब डेढ़ रुपए ज्यादा पैसे ज्यादा वसूले जा रहे थे. पेट्रोल पंप तक यह लागत लगभग ₹2 प्रति लीटर के आसपास पहुंच रही थी. लगभग तीन महीने से इसी पुल से तेल कंपनियों के टैंकर भी आ रहे थे. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने तेल के भाव कम नहीं किए.
सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद एक्शन में कलेक्टर
आम लोगों और सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद आज कलेक्टर खंडवा के निर्देश पर सभी तेल कंपनियों के टैंकरों को मोरटक्का ब्रिज के पास रोक दिया गया. कलेक्टर ने सभी तेल कंपनियों के अधिकारियों को बुलाया है. उम्मीद है कि जल्द ही खंडवा और बुरहानपुर के लोगों को तेल की अतिरिक्त कीमत चुकाने से राहत मिलेगी.
रिपोर्ट- प्रमोद सिन्हा