बुटिया अभी जिंदा है....सिस्टम ने जिंदा आदमी को मार डाला, नहीं हो रही सुनवाई
mp news-खरगोन में सिस्टम की अनदेखी के चलते 95 साल का बुजुर्ग को अपने जिंदा होने का प्रमाण देना पड़ा रहा है. बुजुर्ग किसान सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है.
madhya pradesh news-मध्यप्रदेश के खरगोन में सिस्टम की अनदेखी का बड़ा मामला सामने आया है, जहां 95 साल के जिंदा किसान को अपने जिंदा होने का प्रमाण देना पड़ रहा है. दरअसल, जिले में बुजर्ग को मृत बताकर ढाई एकड़ जमीन दूसरों के नाम कर दिया गया. चार पहले हुई एक व्यक्ति की मौत के बाद बुटिया को कागजों पर मृत बता दिया. मजबूर वृद्ध अपनी ढाई एकड़ जमीन वापस लेने के लिए साल भर से अफसरों से गुहार लगा रहा है.
पिछले एक साल में बुजुर्ग किसान तहसीलदार से सीएम तक गुहार लगा रहा है. पीड़ित बुजुर्ग ने अब प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई है.
पिता के नाम से हुई गड़बड़ी
खरगोन के कसरावद से डोलानी में करीब 95 साल किसान बुटिया सिस्टम के आगे परेशानी से गुजर रहा है. गांव में बुधा पिता फाटला की मौत हुई है, लेकिन बुटिया फाटला को मृत मानकर उसकी अलग-अलग टुकड़ों में ढाई एकड़ जमीन को राजस्व विभाग ने दूसरे लोगों के नाम पर नामांतरित कर दी. बुजुर्ग का कहना है कि वो कई सालों से उसपर खेती करते आ रहे हैं. उनके नाम से दर्ज जमीनों को बुटिया को मृतक बताकर दूसरों के नाम पर चढ़ा दिया है.
CM हेल्पलाइन से नहीं मिली मदद
बुजुर्ग किसान बुटिया ने जमीन के लिए ग्राम पंचायत से लेकर तहसीलदार कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक गुहार लगाई है. लेकिन बुटिया खुद को जीवित साबत नहीं कर पा रहा है, उन्होंने अब प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगा रहे हैं कि वह जिंदा है और उन्हें जमीन दिलाई जाए. पीड़ित के पोते बहादुर अपने दादा के साथ अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं. बहादुर का कहना है कि अधिकारियों ने बिना जांच किए ही शिकायत बंद करा दी है.
एसडीएम ने लिया संज्ञान
पूरे मामले में एसडीएम ने कहा कि तहसीलदार से मामले की जानकारी जुटाएंगे. मामले में किसी प्रकार की कोई गलती हुई, पीड़ित किसान को बुलाकर बात करेंगे. दो-चार दिन में इसको ठीक करा लेंगे.