World River Day 2022: आज विश्व नदी दिवस है. हर साल विश्व नदी दिवस सितंबर महीने के आखिरी रविवार को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य लोगों को नदियों के बचाव के प्रति जागरूक करना है. खास बात यह है कि अगर आप मध्य प्रदेश से तो आपको जानकर बहुत खुशी होगी कि एमपी को नदियों का मायका कहा जाता है और ऐसा इसलिए क्योंकि मध्यप्रदेश में छोटी और बड़ी नदियों को मिलाकर कुल 207 नदियां हैं. इसलिए मध्य प्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है तो चलिए आज विश्व नदी दिवस पर आज हम आपको मध्य प्रदेश की कुछ महत्वपूर्ण नदियों के बारे में बताते हैं.


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नर्मदा
नर्मदा नदी देश की प्रमुख नदियों में से एक है.यह हमारे देश के तीन राज्यों में बहती है जिसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात शामिल हैं.नर्मदा को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है.नर्मदा का उद्गम अमरकंटक से है. अमरकंटक अनूपपुर जिले में है.यह नदी भरूच के पास खंभात की खाड़ी में गिरती है.


चंबल
चंबल नदी इंदौर में महू की जानापाव पहाड़ियों में भादकला जलप्रपात से निकलती है.चंबल नदी 1,024 किलोमीटर लंबी है और यह मध्य और उत्तरी भारत में यमुना नदी की एक सहायक नदी है.माना जाता है कि चंबल नदी का प्राचीन नाम चर्मणवती था और इसका उल्लेख महाभारत में मिलता है.


सोन
सोन नदी मध्य प्रदेश की एक और नदी है. सोन नदी की लंबाई 784 किमी है. यह अमरकंटक से निकलती है और बिहार में पटना के पास गंगा नदी में मिल जाती है.मध्य प्रदेश में सोन नदी पर बना बाणसागर बांध 2008 में चालू किया गया था. 


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ताप्ती
ताप्ती नदी महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश राज्यों से होकर बहती है.ताप्ती की लंबाई लगभग 724 किमी है. ताप्ती मध्य प्रदेश में मुलताई से निकलती है और यह नर्मदा के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी पश्चिम में बहने वाली नदी है.


माही नदी
माही नदी धार जिले (मध्य प्रदेश) में विंध्याचल पर्वत से निकलती है और माही जो 580 किमी खंभात की खाड़ी में गिरती है. माही देश की एकमात्र नदी है जो दो बार कर्क रेखा को पार करती है.