Kuno Cheetah Death News: कूनो में फेल नजर आ रही शिवराज सरकार! लगातार चीतों की मौत से उठ रहे सवाल
Kuno Cheetah Death News: कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत हो रही है. जिसमें शिवराज सरकार की नाकामी सामने आ रही है. बता दें कि 11 जुलाई से 14 जुलाई के बीच में दो चीतों की मौत हुई. जिसके बाद लोग शासन - प्रशासन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.
Kuno Cheetah Death News: देश में लगातार विलुप्त हो रहे चीतों को देखते हुए 70 साल बाद इसे फिर से बसाने की तैयारी की गई थी. इसकी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार (MP Government)को सौंपी गई थी और इसके तहत प्रदेश में स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से बड़े जतन के साथ चीते लाए गए थे. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने जन्म दिवस पर इन चीतों को कूनो में रिलीज किया था. देश - दुनिया में भारत की तारीफ हो रही थी. जोर - शोर से चीतों की आगवानी की गई, लेकिन जैसे - जैसे दिन आगे बढ़े तो चीतों की मौत होनी शुरू हो गई और ये सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसके बाद सवाल ये उठ रहा है कि चीतों की मौत का आखिर जिम्मेदार कौन है?
शासन - प्रशासन की लापरवाही आई सामने
कभी घायल होने की सूचना तो कभी हार्ट अटैक की सूचना जिसके चलते चीतों की आए दिन मौत होती रही है. अब इसपे सवाल ये खड़ा होता है कि कूनों में लगा प्रबंधन क्या लापरवाह है? अगर प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है तो चीतों को कूनों में क्यों लाया गया ? तमाम सवाल हैं जो शिवराज सरकार के खिलाफ और प्रशासन के खिलाफ उठ रहे हैं.
कमलनाथ ने उठाया सवाल
कूनो में हुई एक और चीते की मौत के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि कूनो नेशनल पार्क में आठवें चीते की मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ. लगातार चीतों की मौत होने के बावजूद अब तक ऐसी कोई योजना सामने नहीं आई है जिसमें इन वन्य प्राणियों के जीवन को संरक्षित करने की कोई पहल की गई हो.
राजनैतिक प्रदर्शन-प्रियता के लिए वन्य प्राणियों को शोभा की वस्तु बनाना, लोकतंत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता. मैं जिम्मेदार लोगों से आग्रह करता हूं कि वह पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों से चर्चा कर शीघ्र ही ऐसा कोई प्लान बनाएं, जिनसे इन प्राणियों के जीवन की रक्षा हो सके.
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अब तक गई इतने चीतों की जान
कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत का सिलसिला चल रहा है. 27 मार्च को साशा चीता की मौत हुई. 23 अप्रैल को चीता उदय की मौत हुई. 9 मई को चीता दक्षा की मौत हुई. 23 मई को एक शावक की मौत हुई. 25 मई को ज्वाला के दो अन्य शावकों की मौत हुई. 11 जुलाई को तेजस चीते की मौत हुई जबकि 14 जुलाई को सूरज चीते की मौत हुई.
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