अनिल नागर/राजगढ़: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से बैंक घोटाले का मामला सामने आया है. दरअसल, राजगढ़ निजी बैंक में बैंक मैनेजर की मिलीभगत से नकली गोल्ड रखकर लाखों रुपए का गोल्ड लोन दिया जाता था. मामले की शिकायत बैंक ने राजगढ़ थाना कोतवाली में की थी. बैंक की शिकायत पर थाना कोतवाली में 14 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. बैंक मैनेजर हनुमंत मेवाडे पर इससे पहले भी थाना कोतवाली राजगढ़ में एफआईआर दर्ज हो चुकी है. ये एफआईआर बैंक उपभोक्ताओं के एफडी के पैसा निकालने के आरोप में दर्ज हुआ था.


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14 लोगों पर केस दर्ज
राजगढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि, बैंक द्वारा शिकायत की गई थी जांच में पाया गया कि बैंक मैनेजर और बैंक सुनार की मिलीभगत से 9 लोगों ने नकली गोल्ड रखकर लोन लिया. बैंक की शिकायत पर अब तक 14 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों की तलाश में पुलिस जुट गई है.


प्रदेश में कई बार हो चुका है घोटाला 
इससे पहले सागर जिले में शेयर मार्केट के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले एक अंतर्राज्यीय गिरोह पुलिस ने भंडाफोड़ किया था. मामले में गुजरात से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि दो आरोपी दुबई भाग गए थे. आरोपियों के 163 बैंक खातों को सीज किया था, इन्हीं बैंक खातों से सवा 5 करोड़ रुपए से अधिक राशि शेयर धारकों से जमा कराई गई थी. पुलिस ने बताया था कि शेयर बाजार में पैसा लगाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी होती थी.


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गुजरात से गिरफ्तार हुए तीनों आरोपियों से अनेकों सिम कार्ड, एटीएम, पासबुक, चेकबुक, मोबाइल व अन्य सामान जब्त किए गए थे. शातिर ठग क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन में इन्वेस्ट के जरिए काली कमाई को सफेद करते थे.पुलिस अधीक्षक तरूण नायक ने बताया था कि 31 अक्टूबर को सागर के राजीवनगर वार्ड निवासी पीड़ित वैभव कुमार गुप्ता ने पुलिस को शिकायत की थी कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा आवेदक को कॉल करके शेयर मार्केट के नाम पर खाता खुलाने के लिये प्रेरित किया गया.