Chandra Grahan: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। साल 2022 का आखरी चंद्र ग्रहण मंगलवार यानी आज 8 नवंबर 2022 को पड़ने जा रहा है. एक महीने में यह दूसरा ग्रहण है जो कि पूर्ण व आंशिक की स्तिथि में होगा. उज्जैन में स्थित जीवाजी वेधशाला के अनुसार ग्रहण का समय भारत में दोपहर 02:38 बजे से शुरू होगा जो की मध्य की स्तिथी में शाम 04:29 पर रहेगा. वहीं शाम 06:19 तक पूर्ण की स्तिथि में आ जायेगा.


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कहां-कहां दिखेगा ग्रहण
भारत के पूर्वी भाग कोलकाता, कोहिमा, पटना, पूरी, रांची, इम्फाल आदि जगह चंद्रमा शाम 05:12 बजे से पूर्व होने के कारण पूर्ण की स्तिथि में दिखेगा और सम्पूर्ण भारत मे आंशिक ही दिखेगा.


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कैसे देखें चंद्र ग्रहण
जीवाजी वेध शाला से ग्रहण को देखने की बात करें तो ग्रहण को सोलरयुक्त चश्मे से देखने की खास व्यवस्था जीवाजी वेधशाला में रखी गई है. वेध शाला के जानकार दीपक गुप्ता के अनुसार सूर्य ग्रहण की तरह चन्द्र ग्रहण से नुकसान नहीं होते. इसे खुली आंखों से देखा जा सकता है. घरों से भी इसे आसानी से देख सकते है, लेकिन टेलिस्कोप, बाइनोकूलर व सोलरयुक्त चश्मे से इसे देखना है तो जीवाजी वैध शाला आकर देख सकते है.


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क्या है ग्रहण का समय
उज्जैन में शाम 05:43 पर ग्रहण शुरू होगा जो कि 06:19 पर मोक्ष की स्तिथि में आएगा. यानी उज्जैन से 36 मिनट तक इसे आंशिक रूप में देखा जा सकेगा. ग्रहण का समय पूरे देश मे 4 घंटे 19 मिनट तक रहेगा. जब 100 प्रतिशत भाग पृथ्वी के छांया क्षेत्र में आ जाएगा तो मध्यम लाल वर्ण का दिखाई देने लगेगा. इसी तरह भारत के अलावा उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तरी प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर में ग्रहण दिखाई देगा.


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महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश बंद
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु के अनुसार महाकालेश्वर में दर्शन का क्रम जारी रहेगा. यहां किसी ग्रहण व सूतक का प्रभाव नहीं होता. यहां सिर्फ गर्भ गृह में प्रवेश प्रतिबंध रहेगा. इस दौरान शिव लिंग को स्पर्श नहीं किया जा सकेगा. इसके अलावा शहर के अन्य मंदिरों में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. महाकाल मंदिर सहित तमाम धार्मिक स्थलों में जल से शुद्धिकरण के बाद शिव लिंग स्पर्श व पूजन का क्रम संध्या आरती से जारी होगा.


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दो तरह के होते हैं ग्रहण
ग्रहण को लेकर विख्यात ज्योतिष पंडित आनंद शंकर व्यास का कहना है कि चंद्र ग्रहण की दो श्रेणी होती है. एक चंद्र ग्रहण व एक माध्य चन्द्र ग्रहण होता है जोकी एक उप छाया समान है. इसमें चंद्रमा थोड़ा मलिन पिलपिला दिखाई पड़ता है, जिसका कोई मान्य नहीं है. लेकिन मंगलवार को पड़ने वाला ग्रहण स्पष्ठ ग्रहण की श्रेणी में आता है. इसकारण इसमें स्नान दान, सूतक सब मान्य होगा.