प्रमोद शर्मा/भोपाल : ऐसा लग रहा है कि नेताओं का 2023 में रामजी बेड़ापार करेंगे. एमपी में नेताजी भक्ति रंग में रंग गए हैं और वोटरों को इसी रंग के सहारे साधने में जुट गए हैं. चुनावी साल में मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए मंत्रियों की राजनीतिक 'कथानीति' शुरू हो गई है. चुनावी साल में शिवराज के मंत्री भागवत कथाएं करा रहे हैं. वहीं इस पर विपक्षी कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें हार नजर आ रही है तो वे धर्म का सहारा ले रहे हैं. जहां इस पर बीजेपी का कहना है कि युवा पीढ़ी राहुल गांधी की तरह अल्प ज्ञानी न रहे, इसलिए कथाएं जरूरी हैं.


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बड़े पैमाने पर मंत्रियों ने कथा की ओर किया रुख
बता दें कि पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह, कृषि मंत्री कमल पटेल समेत कई 'माननीय' ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार बड़े पैमाने पर श्रीमद्भागवत कथा की ओर रुख किया है. इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की जुगत है.इन कथाओं के जरिए परिवार को भी बतौर दावेदार ‘इंट्रोड्यूस’ करने का प्लान है.


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विधायक भी पीछे नहीं
विधायक भी कथा कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.विधायक जजपाल जज्जी ने अशोक नगर में कथा कराई.जिसमें मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, तुलसी सिलावट और बृजेंद्र सिंह यादव नजर आए.कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने इंदौर में तो एक माह पहले भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने भी कथा कराई.परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अपने क्षेत्र राजघाट में अयोध्या के नेपाली बाबा को लेकर पहुंचे थे.


गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कथा कराने वालों में शामिल हैं.  PWD मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने विधानसभा क्षेत्र रहली में पहली बार श्रीमद्भागवत कथा शुरू की है. इसमें मप्र समेत देशभर से 37 धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया है .कल रविवार को 5,000 महिलाओं के साथ कलश यात्रा निकाली गई. उपहार दिए गए. कथा 5 से 12 दिसंबर तक चलेगी.


वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के खुरई विधानसभा क्षेत्र में पहली बार इतनी बड़ी भागवत कथा होंगी. इसमें मंत्री ने कमल किशोर नगर को बुलवाया. यह कथा 9 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलेगी. शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल भी पीछे नहीं है.7 से 13 दिसंबर के बीच श्रीमद्भागवत कथा हो रही है.जया किशोरी को बुलाया है.


मंत्रियों की कथा नीति पर सियासी आर पार
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि भाजपा विधायकों और मंत्रियो को अपनी हार दिख रही है. इसलिए धर्म का सहारा ले रहे हैं.वोटरों को कथाओं के जरिये भटकाने की भाजपा की कोशिश. मंदिर पुजारियों की तरफ ध्यान न देकर धर्म का राजनीती में उपयोग भाजपा की नीति बन गए हैं.


उधर, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरह हिंदू धर्म के अल्प ज्ञान वाली पीढ़ी न रह जाये. इसलिए राम कथाएं जरूरी हैं. भाजपा का हमेशा से उद्देश्य पीढ़ी को हिंदू संस्कृति से अवगत कराना रहा है, न कि उस पर राजनीति करना.