भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले दिनों तीन विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ली थी. इन विधायकों में एक एक विधायक बसपा, एक सपा और एक निर्दलीय था. पार्टी बदलने वाले इन विधायकों की सदस्यता समाप्त करने को लेकर राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका लगाई गई है. जिसमें मांग की गई है कि इन विधायकों की सदस्यता को रद्द किया जाएगा. 


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इन विधायकों ने थामा था बीजेपी का दामन 
दरअसल, पिछले दिनों भिंड से बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा, बिजावर से सपा विधायक राजेश शुक्ला और सुसनेर से निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा ने सीएम शिवराज और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के समक्ष भाजपा का दामन थाम लिया था. अब राष्ट्रपति चुनाव से पहले तीन विधायकों के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के मामले में पूर्व विधायक किशोर समरीते ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मप्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के समक्ष याचिका लगाकर इनको दलबदल कानून के तहत विधायकी रद्द करने की मांग की है. 


पूर्व विधायक किशोर समरीते ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इन विधायकों को हटाने की मांग की है, खास बात यह है कि उन्होंने एक सीडी भी पेश की है, जिसमें तीनों विधायक बीजेपी की सदस्यता लेते दिख रहे हैं. उनका आरोप है कि इन विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर दल बदल कानून पालन नहीं किया गया है. इसलिए राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता रद्द करें. 


इसलिए नहीं आया विधायकी पर खतरा 
दरअसल, बसपा के प्रदेश में दो विधायक है, इसलिए बसपा विधायक संजीव कुशवाहा पर दलबदल का कानून लागू नहीं हुआ, जबकि पूरे प्रदेश में सपा से राजेश शुक्ला विधायक थे, जबकि विक्रम सिंह राणा निर्दलीय विधायक चुनकर आए थे. ऐसे में उन पर भी यह नियय लागू नहीं हुआ था. जिससे तीनों के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी उनकी विधायक सदस्यता पर किसी प्रकार की खतरा नहीं आया.  


खास बात यह है कि यह तीनों विधायक प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही सरकार का कई मुद्दों पर समर्थन करते रहे हैं, राज्यसभा चुनावों में भी इन विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी का समर्थन किया था. ऐसे में लंबे समय से अटकले लग रही थी कि ये तीनों विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. जहां बाद में अब राष्ट्रपति से चुनाव से पहले तीनों बीजेपी में शामिल हो गए. 


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