प्रमोद शर्मा/भोपाल। मध्य प्रदेश के 100 अस्पतालों की मान्यता निरस्त कर दी गई है. इन अस्पतालों में प्रदेश के तीन बड़े शहर राजधानी भोपाल सहित, ग्वालियर और जबलपुर की अस्पतालें भी शामिल हैं, जिनकी मान्यता निरस्त कर दी गई है. बताया जा रहा है कि इन अस्पतालों में आग से निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. जबलपुर की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नजर आ रहा है. जिसके चलते यह फैसला लिया गया है. 


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सबसे ज्यादा जबलपुर की अस्पतालें शामिल 
मध्य प्रदेश में जिन 100 अस्पतालों की मान्यता निरस्त की गई है, उनमें सबसे ज्यादा जबलपुर की 33 अस्पतालें शामिल हैं. जबकि राजधानी भोपाल की 26 और ग्वालियर कि 19 अस्पतालें शामिल हैं. इन सभी अस्पतालों की पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. जिसे स्वास्थ्य विभाग का बड़ा एक्शन माना जा रहा है. 


जबलपुर की आगजनी घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई जांच में अस्पतालों में लगे फॉयर सिस्टमों में भारी लापरवाही सामने आई है. इन अस्पतालों में आग से निपटने के कोई इंतजाम नहीं थे, ऐसे में जिन अस्पतालों आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे उनका पंजीयन किया गया निरस्त. एमपी में हमीदिया और जबलपुर अस्पताल में भीषण अग्निकांड के बाद से जांच चल रही थी. जबलपुर की घटना के बाद से ही अस्पतालों में लगे फॉयर सेफ्टी सिस्टम पर सवाल उठ रहे थे. 


भोपाल के 26 अस्पतालों में नहीं थे पुख्ता इंतजाम 
स्वास्थ्य विभाग की जांच में राजधानी भोपाल के 26 निजी अस्पतालों में आग से निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने भोपाल की 26 अस्पतालों की मान्यता निरस्त कर दी. जहां किसी अस्पताल में अग्निशमन उपकरण नहीं था, तो कही पर अलार्म काम नहीं कर रहा था. जबकि कहीं फायर एग्जिट भी नहीं था. इसके पहले भोपाल के नगर निगम ने सभी अस्पतालों की समीक्षा बैठक भी की थी. जबकि जबलपुर की 33 अस्पतालें और ग्वालियर की 19 अस्पतालों में भी इसी तरह की परेशानी देखी गई थी. 


जबलपुर की निजी अस्पताल में लगी थी आग 
बता दें कि पिछले महीने जबलपुर शहर की एक निजी अस्पताल में आग लगने की वजह से 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट होना बताया गया था.  आग इतनी तेजी से फैली की कुछ ही देर में तीन मंजिला बिल्डिंग पूरी तरह खाक हो गई थी.