कमल सोलंकी/धार: मध्य प्रदेश इन दिनों किसान लहसुन की कीमतों को लेकर परेशान है. उन्हें मंडी में वाहन के भाड़े के पैसे भी नहीं मिल पा रहे हैं. लहसुन की कीमत 1 रुपये से भी कम चली गई है. इस कारण वो अब अपनी फसल को खुद किसी तरह से नष्ट कर रहे हैं. इस बीच धार में किसानों ने आंदोलन का रास्ता अपना लिया है. शनिवार को धार में किसानों ने कांग्रेस नेताओं के साथ महू-नीमच मार्ग प्रदर्शन कर नारेबाजी की और सरकार विरोधी नारे लगाए.


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सड़क में लहसुन को बोरियां फेंकी
महू-नीमच मार्ग पर प्याज और लहसुन के दाम कम मिलने पर नाराज किसानों के साथ कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुए जाम लगा दिया. एनएच पर बदनावर चौपाटी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ किसानों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. साथ फोरलेन पर लहसुन को बोरियां फेंकी दी कांग्रेस के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और किसानों ने फोरलेन पर जाम लगा दिया. साथ लहसुन को सड़क पर फेंक दी.


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उपज की लागत नहीं मिल पा रही है
किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी को गई. दरअसल किसानों को लहसुन और प्याज के दाम कम मिल रहे हैं. इस कारण उपज की लागत भी नहीं निकल पा रही हैं. इस कारण किसानों को नुक्सान झेलना पड़ रहा है.


पहले नदी में फेंक दी थी फसल
इससे पहले किसानों ने गुस्से में फसल नदी में फेंक दी थी. कुछ दिन पहले ही धार से एक वीडियो सामने आया था. वीडियो धार के बदनावर तहसील के ग्राम नागदा का था. इसमें किसान अपनी लहसुन की फसल का दाम सही नहीं मिलने पर लहसुन की बोरीयां चामला नदी में फेंक दी थी और अपनी पीड़ा जाहिर कर सरकार से अपील भी की थी कि किसानों को बचा लो.


किसान ने नदी में फेंकी लहसुन की बोरियां; जानिये क्यों किया ऐसा?


तीन साल पहले 300 रुपये क‍िलो में ब‍िका था लहसुन 
बता दें क‍ि 2019 में इसी लहसुन के भाव 300 रुपये क‍िलो तक पहुंच गए थे. इस साल खराब और अच्‍छे लहसुन के रेट में भारी अंतर है. हालांक‍ि अभी लहसुन रेट 8 से 9 रुपये क‍िला चल रहा था लेक‍िन इसका दाम इतना ग‍िर जाएगा, इसकी तो क‍िसी को उम्‍मीद ही नहीं थी.


ये है कम रेट की वजह 
जानकारी के अनुसार, इस बार एमपी में लहसुन का बंपर उत्पादन हुआ है. मौसम के कारण कई इलाकों में लहसुन की फसल बिगड़ गई है. इस कारण से खराब लहसुन के रेट्स नहीं मिल रहे हैं.