MP News: भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार सख्ती से मदरसा संचालको में हड़कंप मचा हुआ है. अभी राज्य के एक हजार मदरसों ने सरकार से ग्रांट लेना बंद कर दिया है. मदरसों को डाइस कोड, बोर्ड एग्जाम, RSK के अंडर कराने के आदेश से मदरसा संचालकों को डर है. अभी प्रदेश में दो हजार के पार मदरसा संचालक सरकार से अनुदान लेते है अब घटकर एक हजार बची है. इसे लेकर प्रदेश में अब सियासत और सख्ती होने की उम्मीद है.


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क्यों कर रहे हैं एतराज ?
मध्य प्रदेश में अभी एक हजार मदरसे डाइस कोड, राज्यशिक्षा केंद्र के नियम से चलने से एतराज जता रहे हैं. ये अभी अनुदान लेना सरकार की जांच और निगरानी से बचने के लिए बंद कर रहे हैं. अगर सरकार की ओर से ग्रांट लिया जाता रहा तो सरकार की निगरानी इन संस्थानों पर बना रहेगी और इन्हें अपने खर्च का सारा हिसाब सरकार और संबंधित विभाग को देना पड़ेगा.


विदेशी मानसिकता की मिशनरी पर एक्शन
मदरसों में सख्ती के साथ सरकार विदेशी मानसिकता की मिशनरी पर भी सख्त है. भोपाल के तारासेवनिया में अवैध रूप से संचालित आंचल बालिका छात्रावास का विदेशी कनेक्शन होने पर मिशनरी को सी करने वाला नोटिश दिया गया है. बतााया जा रहा है कि विदेशी फंडिंग से मिशनरी का संचालन हो रहा है. जर्मनी से मिशनरी संस्था की फंडिंग कराई जा रही थी. आंचल चिल्ड्रन होम्स के संचालक अनिल मैथ्यू को 2 करोड रुपए की विदेशी फंडिंग के जांच में बैलेंस शीट मिली है.


अवैध संचालन के खुलासे के बाद भी संचालको के हौंसले बुलंद है. प्रशासन ने सील करने नोटिश को चिपकाया था पर अवैध बालिका छात्रावास संचालकों ने नोटिश को फाड़ कर फेंक दिया. बालिका छात्रा में अभी महंगी कार धड़ल्ले से आ रही हैं. प्रशासन नोटिश चिपका कर शायद भूल गया है. इससे पहले भी प्रदेश के कई जिलों में मिशनरियों को एक्शन हुआ था.