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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में तिथि अनुसार धनतेरस पर्व के अगले दिन यानी आज रविवार को धनतेरस पर्व पर विशेष पूजन किया गया. पूजन के बाद से ही मंदिर में 5 दिवसीय दीप्तोसव की शुरुआत हो गई. 16 पुजारी व 22 पुरोहितों के संयुक्त परिवार ने बाबा महाकाल का विशेष पूजन अभिषेक किया. परंपराओं का निर्वहन करते हुए पुरोहित परिवार ने बाबा महाकाल को धनतेरस पर प्रतिवर्ष की भांति रजत सिक्के भेंट किया. पूजन के दौरान कलेक्टर, एसएसपी सहित कई अधिकारी भी शामिल हुए.


सभी परंपराओं का हुआ निर्वहन
पंडित लोकेन्द्र व्यास पुरोहित समिति के सचिव ने अधीक जानकरी देते हुए कहा कि धनतेरस पर्व से मंदिर में 5 दिवसीय दीपोत्सव की शुरुवात हो चुकी है, जिसमें मन्दिर समिति व जिले के शासकीय अधिकारी 16 पुजारी 22 पुरोहित का संयुक्त परिवार मिलकर माता लक्ष्मी, जो कि माता पार्वती का रूप है उनका व बाबा महाकाल का विशेष शास्त्रोतात पूजन अभिषेक करते है, जिसे विधि विधान के साथ आज रविवार को धनतेरस पर पूर्ण किया गया. पुजारी से जब सवाल किया गया कि बाबा महाकाल को भेंट किये जाने वाले रजत सिक्के भी भेंट किये गए तो उन्होंने कहा कि हमने मंदिर की हर परंपरा का निर्वहन किया है साथ ही जनकल्याण के लिए व देश मे, विश्व मे सुख समृधि बनी रहे ऐसी बाबा महाकाल से प्रार्थना की है.


कल लगेगा 56 भोग
आपको बता दे कि अगले दिन यानी सोमवार को रूप चौदस का अत्यधिक महत्व है, जिसमें मंदिर के पुजारी पुरोहित परिवार की महिलाएं वर्ष में एक बार बाबा का रूप निखारती है, श्रृंगार करती हैं. उबटन लगा कर जिसमें कई सुगंधित द्रव्य मिले होते हैं, जिसके बाद कपूर से आरती करती है. वहीं पुजारी नगर से मिलने वाला अन्न 56 भोग प्रसादी में उपयोग करते हैं. फिर दीपावली पर भास्मार्ती के दौरान गर्भ गृह में फुलझड़ी जला कर देश भर में पर्व मनाया जाता है. अगले दिन पड़वा पर भी भक्तों का तांता मंदिर में लगा रहता है, हालांकि गर्भ गृह में धनतेरस पर्व की अल सुबह होने वाले भस्मार्ती में पुजारियों द्वारा फूलझड़ी जलाकर दीप उत्सव की शुरुआत की गई. यह क्रम लगातार 5 दिन तक श्री महाकालेश्वर मंदिर में बना रहेगा मंदिर को आकर्षक व सुगंधित फूलों से सजाया गया है.